
यूक्रेन से युद्ध पर पुतिन का बयान- अभी बस शुरुआत की है, समय के साथ बातचीत और मुश्किल
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रूस-यूक्रेन युद्ध को चार महीने से ज्यादा हो चुके हैं. अभी तक जंग खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे. इस बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक बयान ने दुनिया की चिंता और ज्यादा बढ़ा दी है.
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को चार महीने से ज्यादा हो चुके हैं. दोनों देशों को भारी नुकसान हुआ है, हजारों सैनिकों की मौत हो चुकी है. लेकिन फिर भी जमीन पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. युद्ध जल्दी खत्म होने के आसार दिखाई नहीं दे रहे. अब इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक बयान ने इस चिंता को और ज्यादा बढ़ा दिया है.
हाल ही में व्लादिमीर पुतिन ने एक बयान में कहा है कि रूस ने तो बस शुरुआत की है, समय के साथ यूक्रेन संग शांति वार्ता और ज्यादा मुश्किल हो जाएगी. वे कहते हैं कि सभी को पता होना चाहिए कि रूस ने अभी तक कुछ शुरू नहीं किया है. हम शांति वार्ता का समर्थन करते हैं. लेकिन जो इन वार्ताओं को खारिज कर रहे हैं, उन्हें समझना पड़ेगा कि समय के साथ ये बातचीत करना, समझौता करना और ज्यादा मुश्किल हो जाएगा. पुतिन ने पश्चिमी देशों पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि वे सिर्फ प्रॉक्सी वॉर कर रहे हैं. रूस की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है.
अब ये एक बयान कई अटकलों को बल दे रहा है. क्या पुतिन आने वाले दिनों में यूक्रेन पर और ज्यादा आक्रमक रुख अपनाने जा रहे हैं? जब वे कहते हैं कि अभी सिर्फ शुरुआत की है, क्या राष्ट्रपति किसी बड़ी रणनीति पर काम कर रहे हैं?
अभी के लिए कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है, लेकिन वर्तमान में जिस तरह से रूस ने यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर कब्जा जमाया है, आने वाले दिनों में ये युद्ध और ज्यादा विस्फोटक बन सकता है. हाल ही में रूस ने यूक्रेन के लोहांस्क क्षेत्र पर पूरी तरह अपना कब्जा जमा लिया था. उस कामयाबी के बाद रूस अब डोनेस्क क्षेत्र पर भी अपना दबदबा कायम करना चाहता है. इसी वजह से रूसी सेना स्लोविंस्क और क्रामटोरस्क इलाकों में सबसे ज्यादा हमले कर रही है. अगर इन इलाकों पर रूस अपना कब्जा जमा लेता है, ऐसी स्थिति में डोनेस्क क्षेत्र भी उसकी पकड़ से ज्यादा दूर नहीं रहेगा.
वैसे रूस ने हमले तेज तो किए हैं, लेकिन ये भी दावा किया जा रहा है कि किसी भी नागरिक ठिकाने को निशाना नहीं बनाया जा रहा. रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक सेना की तरफ से सिर्फ डोनेस्क के उन इलाकों पर हमला किया जा रहा है जहां पर यूक्रेन के हथियार रखे हैं.
अब अगर रूस की तरफ से हमले हुए हैं तो यूक्रेन भी जवाबी कार्रवाई कर रहा है. यूक्रेनी सेना ने भी दावा किया है कि उसने ब्लैक सी के स्नेक आइलैंड को रूसी से खाली करा लिया है. रूस ने युद्ध की शुरुआत में ही इस द्वीप पर कब्जा जमा लिया था. स्नेक आइलैंड यूक्रेन का महत्वपूर्ण रणनीतिक सैन्य ठिकाना है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

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कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







