'यह महिला बेवकूफ बनाओ बिल है', आरक्षण बिल पर AAP ने जताई आपत्ति
AajTak
AAP नेता आतिशी ने कहा, हम इस बिल में संशोधन की मांग कर रहे हैं कि महिला आरक्षण होना चाहिए और 2024 से ही लागू होना चाहिए. आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि मौजूदा 540 सीट में से एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएं.
देश की नई संसद की लोकसभा में पेश हुए महिला आरक्षण बिल पर आम आदमी पार्टी ने कई आपत्तियां जताई हैं और केंद्र सरकार से बिल में संशोधन की मांग की है. आजतक से बातचीत करते हुए आम आदमी पार्टी के नेता और मंत्री आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी का स्टैंड राज्यसभा और लोकसभा में भी रहेगा कि हम इस बिल में संशोधन की मांग कर रहे हैं कि महिला आरक्षण होना चाहिए और 2024 से ही लागू होना चाहिए. आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि मौजूदा 540 सीट में से एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएं.
आगे AAP नेता आतिशी ने आजतक से कहा कि आम आदमी पार्टी हाउस के फ्लोर पर बिल के संशोधन की मांग करेगी. हम महिलाओं के आरक्षण का समर्थन करते हैं, लेकिन महिला आरक्षण बिल के मुताबिक बिल पास होने के बाद जनगणना और डीलिमिटेशन होगा. इसमें 3 से 4 साल लग जाएंगे. ये झुनझुना देकर महिलाओं को बेवकूफ बनाने की कोशिश है.
ये है महिला आरक्षण बिल पर AAP की आपत्ति
AAP नेता आतिशी ने कहा कि कल रात मीडिया के जरिए खबर मिली कि महिला आरक्षण बिल आने वाला है. आम आदमी पार्टी ने इसका स्वागत किया. कुछ समय पहले, यह 128वां संविधान संशोधन विधेयक आया है और हमें पढ़ने के बाद यह समझ आया है कि यह महिला आरक्षण बिल नहीं है, 2024 के चुनाव से पहले यह महिला बेवकूफ बनाओ बिल है.
यह बिल कहता है कि 2024 के चुनाव में महिलाओं को आरक्षण नहीं मिलने वाला है. बिल पास होने के बाद जो पहली जनगणना होगी उसके आधार पर परिसीमन होगा और फिर उसके आधार पर आरक्षण मिलेगा. जनगणना में कम से कम एक साल लगता है और उसके बाद परिसीमन होता है. एमसीडी जैसे छोटे चुनाव के परिसीमन में छह महीने का समय लग गया था. देशभर में तो कम से कम एक दो साल लग जाएगा. 2026 से पहले तो परिसीमन हो ही नहीं सकता.
सवाल: क्या आम आदमी पार्टी संसद में महिला आरक्षण बिल का समर्थन करेगी या विरोध?
नीट यूजी 2024 की परीक्षा के रिजल्ट को लेकर विवाद जारी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान परिणामों के आधार पर होने वाली काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. याचिकाकर्ता ने दलील दी कि पूरे मामले में पारदर्शिता नहीं बरती गई. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से नोटिस जारी कर जवाब मांगते हैं और मामले की अगली सुनवाई जवाब आने के बाद 8 जुलाई को करेंगे.
नायडू पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बने और उसके बाद दो और कार्यकाल पूरे किए. मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले दो कार्यकाल संयुक्त आंध्र प्रदेश के नेतृत्व में थे, जो 1995 में शुरू हुए और 2004 में समाप्त हुए. तीसरा कार्यकाल राज्य के विभाजन के बाद आया. 2014 में नायडू विभाजित आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में उभरे और 2019 तक इस पद पर रहे. वे 2019 का चुनाव हार गए और 2024 तक विपक्ष के नेता बने रहे.
जम्मू-कश्मीर के रियासी में हुए आतंकी हमले में 10 लोगों की जान गई. इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. इन पाकिस्तानी आतंकवादियों की पहचान तक हो चुकी है. उनके नाम अब्बू, हमजा और फौजी. इनके चेहरे कैमरे पर कैद हुए हैं. ये वो सबूत हैं, जो चीख-चीखकर कह रहे हैं कि रियासी के हमले में पाकिस्तान का ही हाथ था.