
मोदी-ट्रंप की मुलाकात से भारत को क्या मिला? जानें- दोस्ती के बीच किन मुद्दों पर दिखा तनाव
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अमेरिका में हुई मीटिंग कई मायनों में अहम रही. दोनों देशों के बीच कई बड़े करार हुए. हालांकि, सबकी नजरें इस बात पर है कि इन सौदों में भारत को क्या मिला. आइए आपको बताते हैं...
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच व्हाइट हाउस में ऐतिहासिक बैठक हुई. इस अहम बैठक में भारत और अमेरिका के बीच कई सौदे हुए, जिसमें भारत को एफ-35 लड़ाकू विमानों की बिक्री के साथ-साथ दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता भी शामिल है.
मीटिंग के बाद एक जॉइंट प्रेस कांफ्रेंस हुई, जिसमें पीएम मोदी ने कहा,'रणनीतिक और विश्वसनीय साझेदार के रूप में अमेरिका भारत की रक्षा तैयारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हम आने वाले समय में संयुक्त विकास, संयुक्त उत्पादन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की दिशा में सक्रिय रूप से आगे बढ़ रहे हैं. नई प्रौद्योगिकियां और उपकरण हमारी क्षमताओं को बढ़ाएंगे.'
10 साल के रक्षा सौदे
पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मीटिंग के बाद जॉइंट प्रेस काफ्रेंस हुई, जिसमें आकर्षण का केंद्र अमेरिका-भारत के बीच प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिए 10 साल के ढांचे पर हस्ताक्षर की योजना थी. समझौते का उद्देश्य सामने आ रहीं सुरक्षा चुनौतियों के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करना है, जिससे दोनों देशों की निकट सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता को बल मिलेगा. आइए आपको बताते हैं कि पीएम मोदी और ट्रंप की इस अहम मीटिंग में भारत को क्या-क्या मिला.
> दोनों पक्षों ने भारत की सेना में अमेरिकी रक्षा प्रणालियों के बढ़ते एकीकरण को स्वीकार किया, जिसमें निम्नलिखित विमान शामिल हैं.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

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