मुंबई: प्राइवेट क्लिनिक में कोविड-19 मरीजों का इलाज करते हुई थी डॉक्टर की मौत, पत्नी को सरकारी बीमा के 50 लाख नहीं मिल सकते
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डॉक्टर सुरगाडे की पत्नी ने याचिका में कहा कि उनके पति ने क्लिनिक खोले रखा और कोविड-19 मरीजों का इलाज करते रहे. इसी दौरान उन्हें भी कोरोना संक्रमण हो गया और 10 जून 2020 को उनकी मौत हो गई.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवी मुंबई के उस डॉक्टर की विधवा को कोई राहत देने से इनकार किया, जिसकी मौत प्राइवेट क्लिनिक में मरीजों का इलाज करने के दौरान कोविड-19 से मौत हो गई थी. कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 50 लाख रुपये का बीमा कवर सिर्फ उन प्राइवेट डॉक्टर्स के लिए था जिनकी सेवाएं कोविड-19 ड्यूटी के लिए ली गई थीं. जस्टिस एस जे कठावल्ला और जस्टिस आर आई चागला ने याचिका को खारिज करते हुए कहा,‘याचिकाकर्ता (विधवा) को योजना के लिए आवेदन में ये आवश्यक रूप से साबित करने की जरूरत है कि डॉक्टर भास्कर सुरगाडे की सेवाएं राज्य या केंद्र सरकार ने कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए ली थीं.’राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.