मालदीव में मौजूद 75 भारतीय सैनिकों से राष्ट्रपति मुइज्जू को क्या है दिक्कत? पढ़ें- भारत के लिए क्यों खास है ये द्वीप?
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मोहम्मद मुइज्जू जब से मालदीव के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं, तब से भारत के साथ इस द्वीपीय देश के रिश्तों में तनाव आया है. मुइज्जू कई मौकों पर भारत विरोधी बयान दे चुके हैं. वह चीन समर्थक माने जाते हैं.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की और इस द्वीपीय देश के साथ ठोस द्विपक्षीय सहयोग और लोगों के बीच मजबूत संबंधों को और मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई. रिजिजू ने राष्ट्रपति मुइज्जू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं भी दीं. 45 वर्षीय मोहम्मद मुइज्जू ने शुक्रवार को मालदीव के 8वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. भारत की 'नेबर फर्स्ट पॉलिसी' के तहत किरेन रिजिजू ने मुइज्जू के शपथ ग्रहण समारोह में देश का प्रतिनिधित्व किया.
माले में शपथ ग्रहण समारोह में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के विशेष दूत शेन यिकिन ने नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की. उन्होंने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने और मालदीव-चीन के द्विपक्षीय संबंधों में नई प्रगति पर जोर दिया. मुइज्जू असल में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्लाह यामीन के प्रतिनिधि थे. यामीन भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद हैं और इस कारण वो चुनाव नहीं लड़ सके. यामीन 2013 से 2018 तक मालदीव के राष्ट्रपति रह चुके हैं. उनकी सरकार में ही मालदीव, चीन के करीब चला गया था और चीन के 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' प्रोजेक्ट से जुड़ गया था.
मुइज्जू को मालदीव में मौजूद 75 भारतीय सैनिकों से क्या है दिक्कत?
मोहम्मद मुइज्जू जब से मालदीव के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं, तब से भारत के साथ इस द्वीपीय देश के रिश्तों में तनाव आया है. मुइज्जू कई मौकों पर भारत विरोधी बयान दे चुके हैं. वह चीन समर्थक माने जाते हैं. उनका स्टैंड रहा है कि भारत को अपने सैनिकों को मालदीव से वापस बुला लेना चाहिए और शपथ ग्रहण के तुरंत बात उन्होंने फिर इस बात को दोहराया.
उनका कहना है कि मालदीव एक संप्रभु राष्ट्र है और यहां किसी दूसरे देश की सैन्य उपस्थिति सवीकार्य नहीं होनी चाहिए. वह अपने देश में भारतीय सैनिकों की उपस्थिति को मालदीव की संप्रभुता का उल्लंघन मानते हैं. मोहम्मद मुइज्जू का इलेक्शन कैम्पेन भी 'इंडिया आउट' के मुद्दे पर आधारित था. उन्हें 53% वोट मिले थे. जबकि, पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को 46% वोट हासिल हुए थे. सोलिह को भारत समर्थक माना जाता है.
भारत के लिए रणनीतिक महत्ता रखता है मालदीव