
मालदीव कोई साधारण पड़ोसी नहीं, हमारा संबंध बहुत अहम, बोले एस जयशंकर
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मालदीव में भारतीय दूतावास के मुताबिक, देश में भारतीय प्रवासी समुदाय की संख्या लगभग 27 हजार है. स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में उनकी मजबूत उपस्थिति है. वहां भारतीय अन-स्किल्ड वर्कर्स हैं और उनमें से ज्यादातर कॉन्स्ट्रक्शन सेक्टर में लगे हुए हैं.
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने शनिवार को कहा कि मालदीव (Maldives), भारत का 'कोई साधारण पड़ोसी नहीं' है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नई भारत इस पर काम करना जारी रखेगा और मालदीव के साथ दोस्ती जताने के व्यावहारिक तरीके ढूंढेगा. जयशंकर ने अपनी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दौरान मालदीव में रह रहे भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करते हुए यह भी बताया कि भारत अपने प्रवासियों को किस प्रकार अहमियत देता है और भारतीय मूल के सदस्यों का दुनिया भर में क्या प्रभाव है.
भारत की तरफ से जयशंकर की यात्रा पहला हाई लेवल विजिट है, जिसका मकसद राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पदभार ग्रहण करने के बाद द्विपक्षीय संबंधों को पुनः स्थापित करना है.
'मालदीव में 27 हजार प्रवासी...'
मालदीव में भारतीय दूतावास के मुताबिक, देश में भारतीय प्रवासी समुदाय की संख्या लगभग 27 हजार है. स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में उनकी मजबूत उपस्थिति है. वहां भारतीय अन-स्किल्ड वर्कर्स हैं और उनमें से ज्यादातर कॉन्स्ट्रक्शन सेक्टर में लगे हुए हैं.
एजेंसी के मुताबिक, प्रवासी कार्यक्रम से पहले जयशंकर ने राष्ट्रपति मुइज्जू से मुलाकात की. इसके अलावा, दोनों देशों और क्षेत्र के लोगों के लाभ के लिए भारत-मालदीव संबंधों को और मजबूत करने की नई दिल्ली की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने 28 द्वीपों पर भारत की ओर से 110 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत वाली एक विशाल जल एवं स्वच्छता परियोजना का वर्चुअल उद्घाटन किया और उसे मालदीव को सौंपा. यह प्रोजेक्ट मालदीव की सात फीसदी आबादी को कवर करती है.
'हमारे पास SAGAR नीति है...'

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