
मालदीव के लिए बजट घटाया या बढ़ाया? मोदी सरकार ने दिया जवाब
AajTak
इसी महीने 1 फरवरी को पेश हुए अंतरिम बजट में मालदीव के लिए सहायता राशि घटा दी गई थी. लेकिन गुरुवार को आयोजित साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय ने बताया है कि मालदीव के लिए आवंटित बजट को रिवाइज किया गया है.
मालदीव से जारी राजनयिक विवाद के बीच भारत ने मालदीव के लिए सहायता राशि बढ़ा दी है. वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में भारत ने मालदीव के लिए 93.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर आवंटित किया है. हालांकि, 1 फरवरी को पेश हुए बजट में मालदीव के लिए सहायता राशि घटा दी गई थी. लेकिन गुरुवार को आयोजित साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय ने बताया है कि मालदीव के लिए आवंटित बजट को रिवाइज किया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1 फरवरी को पेश हुए बजट में मालदीव के लिए 600 करोड़ रुपये यानी 72 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि आवंटित की गई थी. जो पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में लगभग 20 मिलियन डॉलर कम था. वित्तीय वर्ष 2024 के बजट में भारत ने मालदीव के लिए 92 मिलियन अमेरिकी डॉलर आवंटित किए थे.
भारत मालदीव के लिए एक 'कमिटेड डेवलपमेंट पार्टनर': विदेश मंत्रालय
गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से जब मालदीव को आवंटित बजट में कटौती को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, "आवंटित बजट की राशि बढ़ा दी गई है. भारत मालदीव के लिए एक 'कमिटेड डेवलमेंट पार्टनर' के रूप में बना हुआ है.
मालदीव को आवंटित बजट को लेकर चल रहीं अटकलों पर उन्होंने कहा,"मैंने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं जिनमें कहा गया है कि मालदीव के लिए बजट बढ़ाया गया है. जबकि कुछ कह रहे हैं कि बजट घटाया गया है. सच्चाई यह है कि कुछ निश्चित राशि आवंटित की जाती है और फिर संशोधित की जाती है. संशोधन के दौरान ही नए प्रस्तावों पर विचार किया जाता है. मालदीव के लिए इस बार 779 करोड़ बजट आवंटित है. जबकि पहले का अनुमानित बजट 600 करोड़ था. जब हमारे पास और अधिक स्पष्टता होगी तो नए आंकड़ों को भी संशोधित किया जाएगा. हम मालदीव के लिए एक कमिटेड डेवलपमेंट पार्टनर के रूप में बने रहेंगे.'
दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास!

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







