
मानसून की मार, मैदान से पहाड़ तक हाहाकार... उत्तर भारत में मूसलाधार बारिश का अलर्ट, हिमाचल-उत्तराखंड में फ्लैश फ्लड का खतरा
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उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 1 और 2 जुलाई के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है, जिसमें मौसम विभाग ने आगाह किया है कि संवेदनशील या निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को जलभराव और भूस्खलन का खतरा है. पहाड़ों पर बादलों ने तबाही मचा रखी है तो मैदानों में भी हाल बुरा है. जमशेदपुर में जहां मैदान थे, वहां तालाब हैं. इलाके के इलाके दरिया बन गए हैं.
मौसम विभाग (IMD) ने आधिकारिक तौर पर पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून के सक्रिय होने की घोषणा कर दी- जो कि इसकी सामान्य तिथि 8 जुलाई से 9 दिन पहले है. पूरे देश में मानसून की दस्तक के बाद किसानों को जहां बहुत बड़ी राहत मिली है, वहीं कई राज्यों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. उत्तर से लेकर दक्षिण और पहाड़ से लेकर मैदान तक भारी बारिश के बीच हर ओर उफनते सैलाब की तस्वीरें आ रही हैं. देश के कई प्रमुख शहरों में सड़कें पानी से लबालब भरी हैं, पहाड़ों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं.
हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही तबाही की शुरुआत हो चुकी है. इस पहाड़ी राज्य के कई जिलों से लगातार आसमानी आफत की तस्वीरें सामने आ रही हैं. गत 25 जून को कुल्लू में बादल फटने के बाद हुई बर्बादी का खौफ लोगों के ज़ेहन में अभी ताजा ही था कि एक बार फिर हिमाचल में कुदरत का प्रचंड रूप दिख रहा है. हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में रातभर हुई बारिश के बाद पटरियों पर पत्थर और पेड़ गिरने से शिमला-कालका रेल लाइन पर रविवार को सेवाएं स्थगित कर दी गईं, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन के कारण यातायात घंटों बाधित रहा. मंडी जिले में लगातार हो रही बारिश से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया है.
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लारजी डैम की फ्लशिंग के कारण भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) ने पंडोह डैम के सभी पांच गेट खोल दिए हैं. पंडोह डैम में 44 हजार क्यूसेक प्रति सेकेंड पानी आ रहा है और उतनी ही मात्रा में आगे छोड़ा जा रहा है. प्रशासन की ओर से लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है. हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों तीन जगहों पर बादल फटा है लिहाजा कई इलाकों में भारी बारिश के रेड अलर्ट के चलते लोग डरे हुए हैं. मनाली में दो साल पहले बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई थी. भारी बारिश के बीच एक बार फिर व्यास नदी अपना मार्ग बदल रही है, जो लोगों के दिलों में डर पैदा कर रही है.
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तेज बहाव के कारण व्यास नदी किनारे पर स्थित मकानों और दुकानों को नुकसान पहुंचा रही है.प्रशासन की ओर से जो तैयारी की गई है, मौसम की मार के बीच वो काफी नहीं पड़ रही है. हिमाचल प्रदेश में बारिश, बादल फटने और लैंडस्लाइट से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में अब तक 30 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. सरकार और प्रशासन की ओर से अपील की जा रही है कि लोग नदियों से दूर रहें. कांगड़ा वैली में जोरदार बारिश के बाद कई रास्ते बंद हो गए हैं. कई जगह भूस्खलन के बाद नेशनल हाईवे पर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी हैं. मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के 10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग की मानें तो एक जुलाई तक हिमाचल में कई जगहों पर भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. मौसम विभाग के हाइड्रोमेट डिवीजन ने अगले 24 घंटों में बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों के कुछ हिस्सों में मध्यम से लेकर उच्च स्तर के फ्लैश फ्लड की चेतावनी दी है. भारी बारिश से निचले इलाकों में सतही जलभराव और बाढ़ आ सकती है.

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