मानवाधिकार आयोग ने सफ़ाईकर्मियों की मौत के मामलों में ज़िम्मेदारी तय करने की पैरवी की
The Wire
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्र और राज्य सरकारों को परामर्श जारी कर कहा कि सफ़ाईकर्मियों के साथ भी अग्रिम मोर्चे पर तैनात स्वास्थ्यकर्मी की तरह व्यवहार किया जाए. आयोग ने कहा है कि सफ़ाईकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, प्रौद्योगिकी का उपयोग हो, जागरूकता फैलाई जाए और न्याय एवं पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्र और राज्य सरकारों को परामर्श जारी कर कहा है कि खतरनाक स्थिति में सफाई करने एवं मैला ढोने के दौरान सफाईकर्मियों की मौत होने के मामलों में जिम्मेदारी तय की जाए. उसने यह भी कहा कि सफाईकर्मियों के साथ भी ‘अग्रिम मोर्चे पर तैनात स्वास्थ्यकर्मी’ की तरह व्यवहार किया जाए.
उसने सफाईकर्मियों को सुरक्षा कवर प्रदान करने और उनके मानवाधिकार की रक्षा के लिए कई सुझाव भी दिए हैं.
जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाले मानवाधिकार आयोग ने अपने परामर्श में कहा है कि खतरनाक स्थिति में सफाई करने, मैला साफ करने एवं ढोने के दौरान सफाइकर्मी की मौत होने पर स्थानीय प्राधिकार और ठेकेदार या नियोक्ता की जिम्मेदारी एवं जवाबदेही तय की जाए.
आयोग की ओर से इस संदर्भ में केंद्रीय मंत्रालयों के सचिवों और राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजा गया है. उसने कहा है कि आयोग के परामर्श में दिए सुझावों को लागू किया जाए.