
'मां हीराबा दिनभर काम करती थीं, उन्हीं की प्रेरणा से पीएम दिन में 18 घंटे काम करते हैं', बोले भाई प्रह्लाद मोदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा आज 100वें साल में प्रवेश कर गई हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने उनसे घर जाकर मुलाकात की. इस दौरान पीएम मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी ने अपनी मां हीराबा के संघर्ष की दास्तां भी सुनाई.
आज वडनगर सज रहा था. गुजराती लोक गीत गाए जा रहे थे. चारों ओर खुशी का माहौल था. प्रह्लाद मोदी के आवास और हाटकेश्वर महादेव मंदिर पर खास तैयारियां की जा रही थीं. मौका था पीएम मोदी की मां हीराबेन के 100वें जन्मदिन का. प्रह्लाद मोदी पीएम मोदी के भाई हैं, जहां हीराबा रहती हैं, और हाटकेश्वर मंदिर वही स्थान है जहां हीराबेन अक्सर जाया करती थीं. मां हीराबा के जन्मदिन के अवसर पर पीएम मोदी भी आज गुजरात में थे. उन्होंने मां से मुलाकात की, साथ ही विशेष पूजा-अर्चना की. वहीं उनके भाई प्रह्लाद मोदी ने इंडिया टुडे-आजतक से बातचीत की. उन्होंने बताया कि आज पूरी दुनिया कहती है कि पीएम मोदी दिन में 18 घंटे काम करते हैं. लेकिन उन्हें इसकी प्रेरणा मां हीराबा से मिली है.
हीराबेन ने अपने जीवन के 100 साल पूरे कर लिए हैं, इतने लंबे समय तक जीने का राज उनके द्वारा किया गया संघर्ष है. हीराबा का जन्म पालनपुर में हुआ था, शादी के बाद वह वडनगर शिफ्ट हो गईं. प्रह्लाद मोदी ने बताया कि मेरी मां की उम्र महज 15-16 साल थी, जब उनकी शादी हुई थी. उसकी आर्थिक स्थिति और पारिवारिक मुद्दों के कारण उन्हें कभी पढ़ने का मौका नहीं मिला. मेरी मां अनपढ़ थीं, लेकिन वह चाहती थीं कि उनके सभी बच्चे पढ़-लिखकर शिक्षित बनें. परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी थी कि हमारे पास फीस देने के लिए भी पैसे नहीं थे, लेकिन मां ने कभी पैसे उधार नहीं लिए और यह सुनिश्चित किया कि कोई न कोई काम करके बच्चों की पढ़ाई की फीस भरी जाएगी.
कई देसी नुस्खे जानती हैं हीराबेन
प्रह्लाद मोदी ने बताया कि मां हीराबा सभी घरेलू उपचार जानती थीं. वडनगर में वह छोटे बच्चों और महिलाओं का इलाज करती थीं. उन दिनों महिलाएं अपनी परेशानी के बारे में बाहर नहीं बता पाती थीं, लिहाजा वह हीराबा से अपना इलाज कराती थीं. प्रह्लाद मोदी ने कहा कि मेरी मां कई देसी नुस्खे जानती थीं, भले ही मां अनपढ़ थीं लेकिन हमारा गांव उन्हें डॉक्टर के नाम से पुकारता था.
मां का दिन कड़े संघर्ष में बीतता था
प्रह्लाद मोदी ने कहा कि मां दिन में 2 बार कुएं से पानी खींचकर लाती थीं, वह रोजाना तालाब में कपड़े धोने जाती थीं. रोजाना कई सीढ़ियां चढ़ती थीं. उन्होंने कभी भी बाहर कुछ नहीं खाया. लेकिन मां हीराबा को आइसक्रीम काफी पसंद है. वह इसके लिए कभी मना नहीं करतीं. वह आज भी बहुत आइसक्रीम खाती हैं. हीराबेन के बारे में उनकी सहेली ने बताया कि वह हमेशा अपने काम में व्यस्त रहती थीं. उनकी दिनचर्या सिर्फ काम और उनका परिवार था.

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