
'मां मेट्रो के साथ घिसटती रही, मैं दौड़ता रहा, मगर...', मासूम बेटे ने बयां किया हादसे का खौफनाक मंजर
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रीना नाम की महिला दिल्ली के इंद्रलोक स्टेशन से रेड लाइन मेट्रो चेंज कर रही थी. तभी उसकी साड़ी और बैग गेट में फंस गया और वो मेट्रो के साथ घिसटती हुई काफी दूर तक चली गई थी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पिता की मौत के बाद अब मां को खोकर अनाथ हुए महिला के बेटे ने वो खौफनाक मंजर बयां किया है.
आउटर दिल्ली के नागलोई इलाके में रहने वाली एक महिला की मेट्रो प्रशासन की लापरवाही के चलते मौत हो गई. मामला बीते गुरुवार का है. महिला अपने 10 साल के बेटे के साथ मायके जा रही थी. नागलोई से मेट्रो लेने के बाद वो इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन (Inderlok Metro Station) पहुंची. वहां से दूसरी मेट्रो में बैठने लगी. तभी महिला की साड़ी मेट्रो के गेट में फंस गई और और मेट्रो चल पड़ी. इसके कारण महिला काफी दूर तक मेट्रो के साथ प्लेटफार्म पर घिसटती रही.
इस दौरान स्टेशन पर यात्री चिल्लाते रहे. मगर, मेट्रो का दरवाजा नहीं खुला. मेट्रो ट्रेन प्लेटफार्म से आगे निकल गई. वहीं गेट से फंसी महिला प्लेटफार्म के अंतिम छोर पर बने गेट से टकरा गई और मेट्रो ट्रैक पर जा गिरी. इससे महिला के सिर में गंभीर चोट आई. इसके बाद उसे सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) में भर्ती कराया गया, जहां शनिवार को उसकी मौत हो गई. यह दुर्घटना महिला के 10 साल के बेटे हितेंद्र के सामने हुई, इससे वो सहमा हुआ है.
'मां की साड़ी मेट्रो के गेट में फंस गई थी'
उसने बताया कि वो मां के साथ नानी के घर शादी में शामिल होने के लिए मेरठ जा रहे थे. 13 साल की बहन रिया घर पर ही थी. जब वो लोग इंद्रलोक से मेट्रो ले रहे थे, तभी ये दुर्घटना हुई. मां की साड़ी मेट्रो के गेट में फंस गई थी और मेट्रो चल पड़ी. मां मेट्रो के साथ घिसटती रही और वो उसे बचाने के लिए मेट्रो के साथ दौड़ता रहा. मगर, मेट्रो नहीं रुकी और न ही उसका दरवाजा खुला.
'जब मां प्लेटफॉर्म के अंतिम छोर पर पहुंची...'
उसने आगे बताया, ऐसे में जब मां प्लेटफॉर्म के अंतिम छोर पर पहुंची तो लोहे की जाली से टकराकर ट्रैक पर गिर गई. तब वो मां को बचाने के लिए मेट्रो ट्रैक पर कूद गया. इसके बाद मेट्रो कर्मचारी पहुंचे और उसकी मां को हॉस्पिटल पहुंचाया. पीड़ित परिवार का आरोप है कि घायल अवस्था में महिला को कई हॉस्पिटल ने एडमिट करने से मना कर दिया.

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