
मम्मी-पापा से नहीं छिपा पाएंगे Live-in के रिश्ते, हलाला-बहुविवाह पर रोक... उत्तराखंड के UCC से क्या बदलेगा? 10 points में समझें
AajTak
उत्तराखंड में आज से यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) लागू हो गया है. इसके साथ ही लिव-इन रिलेशनशिप की व्याख्या पूरी तरह से बदल गई है. अब एक युगल तभी लिव-इन में रह पाएगा जब वो इसका रजिस्ट्रेशन करवाता हो. इसके अलावा इस कानून में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय की गई है. मुस्लिम समाज भी इस नियम के दायरे में आएंगे.
उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा जहां आज से यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाएगा. यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी कि समान नागरिक संहिता लागू होते ही उत्तराखंड में शादी, रिलेशनशिप, संपत्ति, बहुविवाह जैसी कई चीजें पहले जैसी नहीं रहेंगी. इस कानून के लागू होने से शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो जाएगा. इस राज्य में सभी धर्मों के लिए तलाक का कानून एक जैसा होगा. इसके साथ ही बहुविवाह और हलाला जैसी प्रथा बंद हो जाएगी.
आइए जानते हैं कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने से क्या क्या बदल जाएगा.
6 महीने के अंदर शादी का रजिस्ट्रेशन
1- यूसीसी के लागू होते ही सभी विवाहों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो जाएगा. लोगों को अपने विवाह को ऑनलाइन पंजीकृत करने में मदद करने के लिए सुविधाएं बनाई गई हैं ताकि उन्हें इसके लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें. इसके लिए कट ऑफ 27 मार्च 2010 रखा गया है. यानी इस दिन से हुए सभी विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. विवाह का पंजीकरण 6 महीने के भीतर कराना अनिवार्य होगा. लिन-इन रिलेशन का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
2-यूनिफॉर्म सिविल कोड में लिन-इन रिलेशन में रहने के लिए माता-पिता की अनुमति अनिवार्य होगी. इन रिश्ते में रहने वाले कपल को रजिस्ट्रार के सामने संबंध की घोषणा करनी होगी. अगर वे संबंध खत्म करना चाहते हैं तो इसकी जानकारी भी रजिस्ट्रार को देनी होगी. लिव- इन से पैदा हुए बच्चे को वैध माना जाएगा. लिव इन रिलेशन टूटने पर महिला गुजारा भत्ते की मांग कर सकेगी. बिना सूचना दिए एक महीने से ज्यादा लिव इन में रहने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
पंजीकरण कराने वाले युगल की सूचना रजिस्ट्रार उनके माता-पिता या अभिभावक को देगा, ये जानकारी पूर्णतः गोपनीय रखी जाएंगी.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










