
मध्य प्रदेश के इस यूनिवर्सिटी में होगा रामचरितमानस पर डिप्लोमा कोर्स
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सदियों पुराने जिस रामचरितमानस को अब तक सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ के तौर पर पढ़ा, सुना जाता था उसी रामचरितमानस को मध्य प्रदेश भोज यूनिवर्सिटी के नए डिप्लोमा कोर्स की इन किताबों में वैज्ञानिक नजरिए के साथ पेश किया जा रहा है.
सनातनी धर्म ग्रंथ रामचरितमानस की चौपाई को तो आपने सुना ही होगा, लेकिन अब इन्हीं चौपाइयों को वैज्ञानिक नजरिए से मध्य प्रदेश भोज यूनिवर्सिटी एक नए कोर्स की किताबों में समेटकर पढ़ाने जा रही है. लेकिन रामचरितमानस की चौपाइयों के साइंटिफिक तर्क देने वाले इस कोर्स पर सियासी विवाद शुरू हो गया है. कांग्रेस इसे राजनैतिक धोखे वाले नजरिए से देख रही है. सदियों पुराने जिस रामचरितमानस को अब तक सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ के तौर पर पढ़ा, सुना जाता था उसी रामचरितमानस को मध्य प्रदेश भोज यूनिवर्सिटी के नए डिप्लोमा कोर्स की किताबों में वैज्ञानिक नजरिए के साथ पेश किया जा रहा है. रामचरितमानस की चौपाइयों में जिक्र किए गए रावण के पुष्पक विमान या रामसेतु का पत्थर या राम रावण युद्ध में चलने वाले तीर हो या फिर आकाशवाणी हो, ये तमाम बातों को भोज यूनिवर्सिटी के शुरू हो रहे नए डिप्लोमा कोर्स में अलग-अलग विषयों की किताबों के जरिए ये बताने की कोशिश कि गई है कि सनातन धर्म रामचरितमानस विज्ञान पर आधारित हैं.
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