मजबूरी या जरूरी...पीएम मोदी ने क्यों बदल दी अपनी वैक्सीन पॉलिसी
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सोमवार को ये निर्णय लिया गया कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा 25 प्रतिशत काम था उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी. ये व्यवस्था आने वाले दो हफ्ते में लागू की जाए. पीएम का ये बड़ा ऐलान. केंद्र सरकार की वैक्सीन नीति पर वो यू-टर्न है, जो इस वक्त बहुत ज़रूरी भी था और सरकार के लिए मजबूरी भी था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार की शाम देश के नाम संबोधन दिया. इस दौरान उन्होंने देश में लागू वैक्सीन नीति में बदलाव किया.उन्होंने वैक्सीन नीति फिर से बदलकर पहले जैसी कर दी. इसमें अब फिर से वही होगा कि वैक्सीन की पूरी खरीद केंद्र ही करेगा और राज्यों का काम सिर्फ टीकाकरण का होगा. राज्यों को अब वैक्सीन की खरीद नहीं करनी होगी, जो उनके लिए बहुत टेढ़ा काम हो गया था. इसी पर खूब राजनीति भी हो रही थी. सोमवार को ये निर्णय लिया गया कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा 25 प्रतिशत काम था उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी. ये व्यवस्था आने वाले दो हफ्ते में लागू की जाए.सतारा लोकसभा सीट से शिवाजी महाराज के 13वें वंशज उदयनराजे प्रतापसिंह भोसले ने बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज की है. उन्होंने एनसीपी (शरद पवार गुट) उम्मीदवार शशिकांत जयवंतराव शिंदे को 32 हजार 771 वोटों के अंतर से चुनाव हराया. उदयनराजे भोसले को 5,71,134 वोट मिले थे. वहीं, एनसीपी के शशिकांत को 5,38,363 मत हासिल हुए. वहीं जिस निर्दलीय उम्मीदवार के चुनाव सिंबल पर शरद पवार की पार्टी ने ऐतराज जताया है, उसे 37 हजार से अधिक वोट मिले.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब चार जून को चुनावी नतीजे आ रहे थे, मैं काम में व्यस्त था. फोन कॉल आना शुरू हो गए थे. मैंने किसी से पूछा कि आंकड़े तो ठीक है लेकिन मुझे ये बताओ कि ईवीएम जिंदा है या मर गया. क्योंकि ये लोग (विपक्ष) तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र और देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास ही उठ जाए और लगातार ये लोग ईवीएम को गाली दे रहे थे. मुझे तो लग रहा था कि इस बार ईवीएम की अर्थी लेकर जुलूस निकालेंगे.