
भूटानी पीएम के चीन पर बयान से भारत में मची खलबली, अब भूटान किंग ने उठाया ये कदम
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भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नांग्याल वांगचुक भारत आ रहे हैं. अपनी इस यात्रा के दौरान वो पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलेंगे. उनकी यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भूटान के पीएम लोटे शेरिंग ने चीन सीमा को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि चीन ने उनके देश में किसी तरह का अतिक्रमण नहीं किया है.
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक सोमवार से तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं. वांगचुक का यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब हाल ही में भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग के चीन सीमा को लेकर दिए हालिया बयानों से भारत में नाराजगी है. अपनी यात्रा के दौरान भूटान नरेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे.
यात्रा की जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा, 'यह यात्रा दोनों देशों को द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करने, विकास और वित्त सहयोग सहित करीबी द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी.'
नांग्याल के साथ भूटान के विदेश और विदेश व्यापार मंत्री डॉ टांडी दोरजी और भूटान के शाही सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी आएंगे. माना जा रहा है कि वांग्याल की इस यात्रा के दौरान डोकलाम पर भूटानी पीएम का विवादित बयान एक मुद्दा होने वाला है.
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भूटानी पीएम शेरिंग ने बेल्जियम के दैनिक न्यूजपेपर ला लेब्रे को दिए इंटरव्यू में कहा था कि 'चीन ने जो गांव बनाए हैं, वे भूटान के भीतर नहीं हैं.' साल 2020 में एक रिपोर्ट आई थी जिसके अनुसार, डोकलाम पठार के 9 किमी पूर्व में चीन ने उस क्षेत्र में गांव बसा लिया है जो भूटान का है. इसी क्षेत्र में साल 2017 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच भारी तनाव की खबरें आई थीं.
हालांकि, अपने क्षेत्र में चीन के घुसपैठ से भूटानी पीएम ने इनकार किया था. उन्होंने कहा था कि चीन ने हमारे क्षेत्र में कोई घुसपैठ नहीं की है. उन्होंने कहा था, 'हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोई अतिक्रमण नहीं हुआ है. यह एक अंतरराष्ट्रीय सीमा है और मुझे पता है कि हमारा हिस्सा कहां तक है. भूटान में चीन के निर्माण को लेकर मीडिया में कई तरह की बातें कही जा रही हैं. हमें इससे कोई लेना देना नहीं है क्योंकि यह भूटान में नहीं है.'

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