
भारत से तनाव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू आज पहुंचेंगे चीन, जिनपिंग करेंगे रेड कार्पेट पर स्वागत
AajTak
मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव में जीतने के बाद अक्सर नेता सबसे पहले भारत के दौरे पर आते थे, लेकिन मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने इसके ठीक उलट रणनीति अपनाई है. सबसे पहले उन्होंने तुर्की का दौरा किया और अब चीन जा रहे हैं.
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) अपनी पत्नी साजिदा मोहम्मद (Sajidha Mohamed) के साथ 5 दिन (8 से 12 जनवरी) की चीन यात्रा पर रवाना हो चुके हैं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग खुद रेड कार्पेट पर मुइज्जू का स्वागत करेंगे. मोइज्जू के स्वागत में जिनपिंग एक भोज का आयोजन भी करेंगे.
नवंबर 2023 में राष्ट्रपति चुने जाने के बाद मुइज्जू की यह दूसरी आधिकारिक विदेश यात्रा है. इससे पहले उन्होंने तुर्की का दौरा किया था. ऐसा काफी कम देखने को मिला है, जब मालदीव में चुनाव जीतने के बाद राष्ट्रपति ने भारत की बजाय किसी और देश का दौरा पहले किया हो. ज्यादातर राष्ट्रपति पहले भारत का दौरा ही करते आए हैं.
चीनी के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान कर इस बारे में जानकारी दी थी. मालदीव के राष्ट्रपति के दूसरी आधिकारिक विदेश यात्रा के लिए तुर्की के बाद चीन जाने पर भारत प्रतिक्रिया व्यक्त कर चुका है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा था, 'यह उन्हें तय करना है कि वे कहां जाते हैं और अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को कैसे आगे बढ़ाते हैं'. लग्जरी रिसॉर्ट्स और 1200 से अधिक द्वीपों वाले हिंद महासागर में स्थित देश मालदीव के राष्ट्रपति के रूप में मुइज्जू ने पिछले साल नवंबर में पदभार संभाला था.
चीन समर्थक हैं मोइज्जू
दरअसल, मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने इलेक्शन मैनिफेस्टो में करीब 75 भारतीय सैनिकों की एक छोटी टुकड़ी को हटाने का संकल्प लिया था. भारतीय सैनिकों की वापसी पर चर्चा के लिए भारत और मालदीव ने दोनों देशों ने एक कोर ग्रुप का गठन किया है. मुइज्जू का स्लोगन था 'इंडिया आउट'. उन्होंने मालदीव के 'इंडिया फर्स्ट पॉलिसी' में भी बदलाव करने की बात कही थी. जबकि भारत और चीन दोनों ही मालदीव में प्रभाव जमाने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार को चीन समर्थक माना जाता है.
किस बात पर खफा है भारत

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







