भारत से खुश हुआ मिस्र, दरवाजे पर खड़े 12 और देश
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भारत ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन इसी बीच मिस्र को गेहूं की बड़ी खेप दी जा रही है. दर्जनों देश भारत से अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें गेहूं दिया जाए क्योंकि वो खाद्य संकट झेल रहे हैं. भारतीय अधिकारी इन अनुरोधों की समीक्षा के बाद कोई फैसला लेंगे.
भारत ने गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद गेहूं की एक बड़ी खेप मिस्र को भेजी है. मिस्र के अनुरोध के बाद भारत की तरफ से 61,500 टन गेहूं मिस्र को भेजा गया है. गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध के बाद भारत की तरफ से ये किसी देश को दी गई सबसे बड़ी खेप है. मिस्र की तरह ही करीब 12 देशों ने भारत से अनुरोध किया है कि वो उन्हें गेहूं का निर्यात करे.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुतबिक, पूरे मामले से अवगत एक अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए ये जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कम से कम एक दर्जन देश ऐसे हैं जो भारत से गेहूं के लिए राजनयिक स्तर पर अनुरोध कर रहे हैं.
मिस्र को जितना गेहूं निर्यात किया जाना था, कस्टम ने उसमें से 17,160 टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दी. अधिकारी ने बताया कि भारत की तरफ से निर्यात पर प्रतिबंध प्रभावी होने से पहले ही मिस्र को भेजे जा रहे शिपमेंट के लिए क्रेडिट गारंटी सहित अनिवार्य औपचारिकताएं पूरी कर ली गई थीं.
मिस्र को भारत की तरफ से गेहूं की शिपमेंट मेरा इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड कर रहा है. प्रतिबंध के प्रभावी होने के बाद गेहूं की इस खेप के लिए शिप को कस्टम क्लीयरेंस दिया गया. ये खेप 17 मई को गुजरात के कांडला बंदरगाह से निकल गई थी.
घरेलू जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत ने लगाया गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक भारत ने 13 मई को कहा कि वो अपनी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाता है. हालांकि, भारत ने ये जरूर कहा था कि वो खाद्य संकट झेल रहे उन देशों की मदद करेगा जो उनसे मदद की मांग करेंगे. भारत ने ये भी कहा कि प्रतिबंध से पहले जिन देशों के साथ गेहूं निर्यात को लेकर सौदा किया गया है, उन देशों को भी भारत गेहूं निर्यात करेगा.