भारत फिल्मों के सेंसरशिप मामले में पाकिस्तान जैसा होता जा रहा है: ‘जॉयलैंड’ के निर्देशक
The Wire
एक साक्षात्कार में ‘जॉयलैंड’ के निदेशक सैम सादिक़ और प्रोड्यूसर अपूर्वा चरण ने भारत में इसकी रिलीज़ की स्थिति, दमित समाज और सेंसरशिप पर चर्चा की है. समीक्षकों द्वारा प्रशंसित यह फिल्म साल 2023 के ऑस्कर में पाकिस्तान की आधिकारिक प्रविष्टि थी.
फिल्म निर्देशक सैम सादिक की समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्म ‘जॉयलैंड’ साल 2023 के ऑस्कर में पाकिस्तान की आधिकारिक प्रविष्टि थी. कोलंबिया फिल्म स्कूल में एक क्लास प्रोजेक्ट के रूप में जॉयलैंड की कल्पना की गई थी. इसके बाद सादिक ने 2016 में अपनी सहपाठी अपूर्वा चरण के साथ इसकी स्क्रिप्ट लिखनी शुरू की, जो फिल्म के प्रोड्यूसर भी हैं.
शुरू में इस कहानी पर एक शॉर्ट फिल्म डार्लिंग (2019) बनी थी. लाहौर में एक इरोटिक डांस थियेटर की पृष्ठभूमि में एक ट्रांसवुमन (बीबा, अलीना खान द्वारा निभाई गई भूमिका) के साथ एक विवाहित पुरुष (हैदर, अली जुनेजो द्वारा अभिनीत भूमिका) की बढ़ती निकटता की खोज करने का सादिक का मूल विचार हर ड्राफ्ट के साथ और परिष्कृत होता चला गया.
एक ‘वर्जित’ रिश्ते पर आधारित फिल्म ‘जॉयलैंड’ लाहौर के एक मध्यमवर्गीय परिवार की कहानी है, जो पितृसत्ता और दकियानूसी विचारों के साथ चलता है.
इस परिवार का छोटा बेटा हैदर, थियेटर आर्टिस्ट और एक ट्रांसवुमन बीबा के प्रेम में पड़ जाता है. इसमें किस तरह की दिक्कतें आती हैं, यह फिल्म इसी पर बात करती है.