
भारत ने पुतिन को दिया झटका, रूस के खिलाफ जाकर किया ये काम
AajTak
भारत ने रूस-यूक्रेन संकट पर रूस को झटका दिया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने रूस की मांग के खिलाफ वोटिंग किया है. दरअसल, रूस ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर अवैध कब्जे की निंदा करने संबंधी प्रस्ताव पर गुप्त वोटिंग की मांग की थी. भारत समेत 107 देशों ने सार्वजनिक वोटिंग के पक्ष में वोटिंग की.
यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर कब्जा करने के बाद से रूस हर तरफ से घिरता जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में रूस की एक मांग के खिलाफ भारत ने वोटिंग की है. दरअसल, रूस ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर अवैध कब्जे की निंदा करने संबंधी प्रस्ताव पर गुप्त वोटिंग की मांग की थी. भारत समेत 107 देशों ने सार्वजनिक वोटिंग के पक्ष में वोटिंग की.
अल्बानिया लाया था प्रस्ताव 193 सदस्य देशों वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में अल्बानिया रूस द्वारा यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर अवैध कब्जे करने और तथाकथित जनमत संग्रह कराने के कारण उसके खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया था. हाल ही में रूस ने दावा किया था कि उसने यूक्रेन के चार क्षेत्र डोनेत्स्क, खेरसान, लुहांस्क और जेपोरीजिया में जनमत संग्रह कराया है और यहां के लोग रूस में मिलना चाहते हैं.
भारत समेत 107 देशों ने रूस के खिलाफ की वोटिंग रूस ने इस निंदा प्रस्ताव पर गुप्त वोटिंग की मांग की थी. लेकिन भारत समेत 107 देशों ने इसके खिलाफ वोटिंग करते हुए सार्वजनिक मतदान के पक्ष में वोट किया. रूस के पक्ष में सिर्फ 13 देशों ने मतदान किया. वहीं 39 देश इस वोटिंग से अनुपस्थित रहे. जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष ने सार्वजनिक वोटिंग करने का प्रस्ताव स्वीकार किया.
तीनों बार रूस के खिलाफ वोटिंग महासभा के अध्यक्ष द्वारा सार्वजनिक वोटिंग की स्वीकृति देने के बाद रूस ने महासभा के फैसले के खिलाफ अपील कर दी. इसमें भी भारत समेत 100 से ज्यादा देशों ने रूस के खिलाफ वोटिंग की. इसके बाद रूस अल्बानिया द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने का प्रस्ताव लाया. इसमें भी भारत समेत 104 देशों ने रूस के खिलाफ वोटिंग की. जिसके बाद महासभा ने इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार नहीं करने का फैसला किया.
रूस ने नहीं किया वोट संयुक्त राष्ट्र में रूस की स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेंजिया ने कहा कि यह रूस के साथ साजिश है, दु्र्भाग्य से इसमें महासभा के अध्यक्ष भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हमारे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को स्वतंत्र रूप से अपना वोट नहीं देने दिया गया. इस पूरी प्रक्रिया में अमेरिका और महासभा के द्वारा भारी हेरफेर की गई है. इसलिए, ऐसी परिस्थितियों में हमने वोट नहीं करने का फैसला किया.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







