भारत के विजय की तुर्की भूंकप में मौत, मलबे से कुचल गया था चेहरा, हाथ में ओम के टैटू से हुई पहचान
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भूकंप के बाद से ही तुर्की से सिर्फ तबाही की तस्वीरें सामने आ रही हैं. अब तक 26 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इसी हादसे में एक भारतीय ने भी जान गंवाई है. उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रहने वाले और बेंगलुरु की एक कंपनी के लिए काम करने वाले विजय कुमार गौड़ एक आधिकारिक काम से तुर्की गए हुए थे. वहीं भूकंप से आई तबाही में उनकी जान चली गई.
तुर्की में 6 फरवरी को आए भीषण भूकंप के बाद से लापता एक भारतीय नागरिक शनिवार को उस होटल के मलबे में मृत पाए गए जहां वह ठहरा हुए थे. उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रहने वाले और बेंगलुरु की एक कंपनी के लिए काम करने वाले विजय कुमार गौड़ एक आधिकारिक काम से तुर्की गए हुए थे. भारतीय दूतावास के मुताबिक विजय का चेहरा पहचानना मुश्किल था, क्योंकि उनका चेहरा पूरी तरह से कुचल गया था और उनके एक हाथ पर 'ओम' शब्द का टैटू था.
बता दें कि विजय कुमार गौड़ पौड़ी जिले के कोटद्वार के पदमपुर इलाके के रहने वाले थे. तुर्की के उस होटल के मलबे में शुक्रवार को उनके कपड़े मिले थे. इसके बाद शनिवार को तुर्की में मौजूद भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, 'हम दुख के साथ सूचित करते हैं कि 6 फरवरी के भूकंप के बाद से तुर्की में लापता हुए भारतीय नागरिक श्री विजय कुमार के शव के कुछ हिस्से मिल गए हैं. तुर्की के मलत्या में एक होटल के मलबे के बीच से उनका शव निकाला गया है. वहां वह एक बिजनेस ट्रिप पर गए हुए थे.'
तीन दिन में घर पहुंचेगा शव
विजय गौड़ की पत्नी और बेटे इतने दिनों से दुख में थे. वे डरे हुए थे कि कहीं इस भूकंप की तबाही में विजय के साथ कुछ बुरा न हो. लेकिन सर्च ऑपरेशन के पांचवे दिन परिवार को वही खबर मिली जिसे कि वो नहीं सुनना चाह रहे थे. बता दें कि विजय के पार्थिव शरीर को पहले इस्तांबुल और फिर दिल्ली ले जाया जाएगा. भारतीय दूतावास के अधिकारियों के हवाले से पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उनके पार्थिव शरीर को कोटद्वार पहुंचने में तीन दिन लग सकते हैं. तुर्की में मौजूद भारतीय दूतावास ने ट्विटर पर कहा, उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है. हम उनके पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द उनके परिवार तक पहुंचाने की व्यवस्था कर रहे हैं.
हादसे के बाद भी चालू था विजय का फोन
उनके बड़े भाई अरुण कुमार गौड़ ने कहा, विजय गौड़ ऑक्सी प्लांट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के लिए काम करते थे और एक बिजनेस टूर पर गए हुए थे. अपने भाई के लापता होने के बाद अरुण ने बताया कि इतने दिनों से उनका फोन बज तो रहा है लेकिन कोई जवाब नहीं दे रहा था.