
भारत के इस प्रस्ताव पर साथ आए कई देश लेकिन अमेरिका रहा अलग
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संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में WTO का 13वां मंत्रीस्तरीय कॉन्फ्रेंस चल रहा है जिसमें भारत ने क्रॉस बॉर्डर रेमिटेंस को लेकर बड़ा प्रस्ताव पेश किया है. प्रस्ताव में रेमिटेंस की लागत को कम करने की बात कही गई है और ई-कॉमर्स पर भी जोर दिया गया है.
विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने भारत के विदेश से आने वाले रेमिटेंस पर लगने वाले चार्ज को कम करने का प्रस्ताव का समर्थन किया है. अधिकारियों ने बताया कि यूरोपीय यूनियन समेत संगठन के कई देशों ने भारत के इस प्रस्ताव का समर्थन किया है. अमेरिका को छोड़कर संगठन के अधिकतर सदस्यों ने WTO के सस्ते, तेज और आसान क्रॉस बॉर्डर पेमेंट और रेमिटेंस के पक्ष में दिखे.
क्रॉस बॉर्डर रेमिटेंस का मतलब वो पैसा होता है जो विदेशों में रहने वाले प्रवासी अपने देश में परिवार वालों को सपोर्ट करने के लिए भेजते हैं. भारत की अर्थव्यवस्था में रेमिटेंस का भी अहम योगदान है. साल 2023 में भारत को विदेशों में बसे भारतीयों से कुल 125 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिला था. अब इसी रेमिटेंस को भेजने में लगने वाले चार्ज को कम करने को लेकर भारत ने प्रस्ताव रखा जिसे कई देशों ने अपना समर्थन दिया है.
वहीं, इंडोनेशिया ने इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स पर वर्क प्रोग्राम के तहत काम को फिर से मजबूत करने के नई दिल्ली के प्रस्ताव का समर्थन किया है. इसके तहत विकासशील देशों की आर्थिक, वित्तीय और विकास जरूरतों को ध्यान में रखते हुए वैश्विक ई-कॉमर्स पर व्यापार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जानी है.
रेमिटेंस की लागत पर अमेरिका को छोड़ सभी बड़े देशों का समर्थन
पिछले हफ्ते, WTO में भारत ने लेनदेन लागत कम करने के लिए तेज पेमेंट सिस्टम सहित डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे की इंटरलिंकेज को बढ़ावा देने पर जोर दिया था.
एक अधिकारी ने कहा, 'हमारे प्रस्ताव को व्यापक समर्थन मिल रहा है. अमेरिका को छोड़कर अधिकांश सदस्यों ने समर्थन दिया है.'

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