
भारतीय मूल की जानकी अमेरिका में बनीं पहली महिला हाईकोर्ट मजिस्ट्रेट, रामायण पर हाथ रखकर ली शपथ
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Janki Sharma: जानकी शर्मा ने इस पद के लिए रामायण पर हाथ रखकर शपथ ली. इसकी वजह बताते हुए वह कहती हैं कि मैं एक पुजारी परिवार में पैदा हुई थी.
Janki Sharma: भारतीय मूल की जानकी विश्व शर्मा को पेनिंगटन काउंटी में सातवें न्यायिक सर्किट के लिए पूर्णकालिक मजिस्ट्रेट न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है. उन्होंने राम चरित मानस में हाथ रखकर अपने पद की शपथ ली. उन्होंने अपनी अब तक की यात्रा के बारे में आजतक से विस्तृत बातचीत की.
जानकी वी शर्मा ने कहा कि बेंच तक मेरी यात्रा बहुत रोचक रही है. मैं अब यहां के लोगों की सेवा करने के लिए खुद को सम्मानित महसूस कर रही हूं. दक्षिण डकोटा में सातवें न्यायिक सर्किट में एक न्यायाधीश का रोल सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण है. लोक सेवा में मेरी आत्मा बसती है, मैं हमेशा से एक लोकसेवक के तौर पर आजीवन करियर बनाना चाहती थी.
जानकी शर्मा ने इस पद के लिए रामायण पर हाथ रखकर शपथ ली. इसकी वजह बताते हुए वह कहती हैं कि मैं एक पुजारी परिवार में पैदा हुई थी. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में श्री राम दरबार परिवार में मैं रामायण सीखते हुए बड़ी हुई हूं. साल 1993 से मैं रामायण पाथी हूं, इसलिए न्यायिक शपथ लेने के लिए मैंने रामायण को अपनाया.
रामायण का चयन मेरे लिए एक ऐसा निर्णय था जो मेरे लिए काफी स्वाभाविक था. मेरे दादा ब्रह्मर्षि पंडित जगमोहन जी महाराज एक समर्पित रामायण गायक थे और मेरे पिता पंडित विश्वमोहन जी महाराज भी रामायण गायक थे.
क्या है भारत से रिश्ता: भारत से अपने रिश्ते के बारे में जानकी कहती हैं कि भारत मेरा मेरा जन्मस्थान है. मेरा पालन-पोषण भी भारत में हुआ. मेरा अधिकांश बचपन उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में बीता. फिर साल 1995 में, मेरे माता-पिता अहमदाबाद, गुजरात चले गए और 2001 में, मैं यहां संयुक्त राज्य अमेरिका में आकर बस गई.
ये है अगला लक्ष्य मेरे जीवन का अगला अध्याय न्यायिक सत्यनिष्ठा और कानून को बनाए रखना और मेरे सामने आने वाले सभी वादियों के लिए एक निष्पक्ष न्यायाधीश बनना है. मैं बिना किसी डर या पक्षपात के मामलों का फैसला करूंगी. मेरी कोर्ट में सभी वादियों के साथ समान और सम्मानपूर्ण व्यवहार किया जाएगा.

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