
भारतवंशी सुएला की कैबिनेट में वापसी क्यों करवा दी? सुनक ने दिया ये जवाब
AajTak
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने सुएला ब्रेवमेन की कैबिनेट में हुई वापसी का बचाव किया है. उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया है कि सुएला से आकलन करने में कुछ गलती जरूर हुई थी, लेकिन उन्हें उसका अहसास था. वे अब गृह मंत्री के रूप में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगी.
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने ऋषि सुनक ने अपने कार्यकाल के पहले दिन कैबिनेट के अपने सभी साथियों से मुलाकात की. विपक्ष के नेताओं ने भी उनका स्वागत किया और प्रधानमंत्री बनने पर उन्हें बधाई दी. लेकिन उस स्वागत के बाद लेबर पार्टी के एक नेता ने सुनक से सुएला ब्रेवमेन को लेकर सवाल पूछ लिया. कहा गया कि जिन्हें एक हफ्ते पहले ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया था, उनकी फिर कैबिनेट में वापसी क्यों करवाई गई?
सुनक ने सुएला के बचाव में क्या कहा?
अब पीएम ऋषि सुनक ने इस विवाद पर दो टूक जवाब दे दिया है. अभी तक तो पार्टी इस विवाद पर डिफेंसिव नजर आ रही थी, लेकिन अब सुनक ने जोर देकर कहा है कि सुएला को अपनी गलती का अहसास था, उनसे सिर्फ एक आकलन करने में गलती हुई थी. उन्हें वापस अपनी टीम में लाकर वे काफी खुश हैं. उनके आने से सरकार को स्थिरता मिलती है. सुनक ने अपने बयान में ये भी साफ कर दिया कि सुएला गृह मंत्री के रूप में अपराधियों के खिलाफ एक्शन और बॉर्डर को सुरक्षित करने पर जोर देंगी. लेबर पार्टी पर तंज कसते हुए भी सुनक ने कहा कि उनकी सरकार तो अपराध पर हमेशा नरम रही है और इमिग्रेशन पर उनकी कोई स्पष्ट रणनीति नहीं रही.
सुएला को इस्तीफा क्यों देना पड़ा था?
अब पीएम सुनक ने तो अपने फैसले का बचाव कर रहे हैं, लेकिन लिबरल पार्टी अभी भी संतुष्ट नहीं है. लिबरल पार्टी ने एक बयान में कहा है कि सुएला की वापसी सुनक के उन दावों का मजाक है जहां पर उन्होंने सरकार चलाने में ईमानदारी की बात कही थी. अब जानकारी के लिए बता दें कि लिज ट्रस की सरकार में सुएला गृह मंत्री थी. लेकिन उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया था. इस बारे में उन्होंने कहा था कि मैंने अपने निजी ईमेल से एक सरकारी दस्तावेज आधिकारिक तौर पर प्रकाशित होने से पहले ही एक विश्वसनीय सांसद को भेजा था, जिसे नियमों का उल्लंघन बताया गया. लेकिन इसका मकसद माइग्रेशन को लेकर सरकार की नीति के लिए समर्थन जुटाना था. जैसा कि आपको पता है कि यह डॉक्यूमेंट मेरे बयान का मसौदा मात्र था. इसमें से अधिकतर जानकारी पहले ही सांसदों को दी गई थी. लेकिन फिर भी मेरा इस्तीफा देना ही सही कदम होगा.
भारतीयों पर क्या विवादित बयान दिया?

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







