
बैन की वजह से घर पर अबॉर्शन को मजबूर अमेरिकी महिलाएं, सर्वे में माना- पेट पर पहुंचा रहीं चोट, सुपरपावर देश में गर्भपात क्यों बना मुद्दा?
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अमेरिका में उन महिलाओं की संख्या बढ़ रही है जो अपना गर्भपात खुद ही कर रही हैं. वे जड़ी-बूटियां खाकर, शराब या नशे की दवाएं लेकर, यहां तक कि पेट पर चोट पहुंचाकर भी अबॉर्शन की कोशिश करने लगी हैं. इस चुनाव में गर्भपात का हक एक बड़ा मुद्दा है. दुनिया के सबसे मॉर्डन देश कहलाते अमेरिका में अबॉर्शन हमेशा से गैरकानूनी नहीं था.
दो साल पहले अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात पर पाबंदी लगाते हुए राज्यों को अपनी तरफ से कानून में घट-बड़ करने की छूट दे दी. इसके बाद से वहां बड़ा बदलाव आया. गर्भपात हो तो अब भी रहे हैं, लेकिन घरेलू तरीकों से. कई बार मामले इतने बिगड़ जाते हैं कि महिला को अस्पताल जाने की नौबत आ जाती है.
हाल में हुए एक सर्वे में ये बात निकलकर आई. इसके मुताबिक, खुद से अबॉर्शन करने वाली महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ी.
क्या कहता है सर्वे
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन की पत्रिका जेएएमए (JAMA) नेटवर्क ओपन जर्नल ने बीते मंगलवार एक सर्वे के नतीजे छापे. रिसर्चरों ने सर्वे के पहले छह महीनों में 7 हजार महिलाओं, जबकि सालभर बाद 7 हजार से कुछ ज्यादा महिलाओं से समूहों से बात की. इसमें उन्होंने माना कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से वे घर पर खुद ही अबॉर्शन के लिए मजबूर हैं. शोध छोटे ग्रुप पर किया गया लेकिन शोधकर्ताओं ने माना कि ऐसी औरतों की संख्या लाखों में हो सकती है.
क्या हुआ था दो साल पहले
जून 2022 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात को मंजूरी देने वाले लगभग पांच दशक पुराने फैसले को पलट दिया था. इसके पहले भी 13 राज्यों ने अपने यहां एंटी-अबॉर्शन कानून बना रखे थे लेकिन उतनी सख्ती से नहीं. अगर कहीं मुश्किल हो भी तो महिलाएं दूसरे राज्यों के अस्पताल चली जाती थीं. लेकिन दो साल पहले हुए फैसले ने सब बदल दिया. गर्भपात को नैतिक और धार्मिक तौर पर गलत बताते हुए अदालत ने स्टेट्स को ये पावर दे दी कि वे एंटी-अबॉर्शन लॉ को अपने अनुसार और कड़ा कर सकते हैं.

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