
'बैक-डोर पॉलिटिक्स' पर सिद्धारमैया के बेटे का बड़ा बयान! बोले- नेपाल की तरह होगा विरोध
AajTak
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के बेटे डॉ. यतींद्र सिद्धारमैया ने कहा कि कोई भी नेता ‘पीछे के दरवाजे’ से सत्ता में नहीं आना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा हुआ तो जनता विद्रोह करेगी, जैसे नेपाल में हुआ था.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के बेटे डॉ. यतींद्र सिद्धारमैया ने देश में सत्ता में आने के तरीके को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने चेतावनी दी है कि जो कोई भी इस देश में सत्ता में है, उसे यह महसूस करना चाहिए कि किसी को भी 'पीछे के दरवाजे' से राजनीति के जरिए सत्ता में नहीं आना चाहिए.
डॉ. यतींद्र सिद्धारमैया ने जोर देकर कहा, "अगर आप पीछे के दरवाजे से सत्ता में आते हैं, तो लोग विद्रोह करेंगे."
उन्होंने नेपाल का उदाहरण देते हुए कहा कि लोग सड़कों पर उतरेंगे, ठीक वैसे ही जैसे नेपाल में और उन्हें खदेड़कर पीटेंगे. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होने से बचना है, तो 'वोट चोरी' के खिलाफ यह हस्ताक्षर अभियान सफल होना चाहिए.
पीछे के दरवाजे की राजनीति पर चेतावनी
सीएम सिद्धारमैया के बेटे और एमएलसी यतींद्र सिद्धारमैया ने सत्ताधारी लोगों को साफ संदेश दिया है. उनका मानना है कि सत्ता के लिए 'बैक-डोर पॉलिटिक्स' का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. उन्होंने सत्ता के लिए अनुचित या अलोकतांत्रिक तरीकों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है.
यतींद्र ने कहा कि अगर कोई पीछे के दरवाजे से सत्ता में आता है, तो जनता विद्रोह करेगी. उन्होंने नेपाल की स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि लोग सड़कों पर आकर विरोध जताएंगे और ऐसे नेताओं को खदेड़ेंगे. उनका यह बयान राजनीतिक हलचल पैदा कर सकता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







