
बेटी को जिंदा करने का 'चमत्कार', अंधविश्वास के आरोप में दर्ज हुई थी FIR... हाथरस वाले भोले बाबा का क्राइम रिकॉर्ड
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हाथरस में जिस सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ से 121 लोगों की मौत हुई, उस बाबा का अब तक पता नहीं चला है. ना ही FIR में अब तक आरोपी बाबा का नाम डाला गया है. सिर्फ सेवादार का नाम है. आज बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हाथरस पहुंचे और घायलों से मुलाकात की. इसके बाद मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का दौरा भी किया.
हाथरस में 121 लोगों की मौत को अब तक करीब 25 घंटे से ज्यादा बीत चुके हैं. हाथरस में जिस सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ से 121 लोगों की मौत हुई, उस बाबा का अब तक पता नहीं चला है. ना ही FIR में अब तक आरोपी बाबा का नाम डाला गया है. सिर्फ सेवादार का नाम है. आज बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हाथरस पहुंचे और घायलों से मुलाकात की. इसके बाद मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का दौरा भी किया.
इस बीच अब साकार हरि उर्फ सूरजपाल भोले बाबा के पुराने आपराधिक मामले भी सामने आने लगे हैं. 121 लोगों को मरता छोड़कर फरार हुए बाबा का पुराना आपराधिक इतिहास भी रहा है. आजतक के पास उस FIR की कॉपी है, जिसमें ये बाबा पहले गिरफ्तार भी हुआ था. दरअसल, आगरा में सन 2000 में भोले बाबा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस ने तब चमत्कारी उपचार अधिनियम के तहत दर्ज केस में उसे पकड़ा था. तब इस बाबा समेत सात लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. हांलाकि बाद में सबूतों के अभाव में कोर्ट से सबको बरी कर दिया गया था.
भोले बाबा द्वारा गोद ली बच्ची की हो गई थी मौत: प्रत्यक्षदर्शी
इस मामले के प्रत्यक्षदर्शी पंकज ने आजतक से बातचीत की. उन्होंने बताया कि साकार हरि उर्फ भोले बाबा की कोई संतान नहीं थी. एक बच्ची उन्होंने गोद ले रखी थी, जिसको कैंसर था. एक दिन अचानक उसके बेहोश होने के बाद अनुयायियों ने कहा कि भोले बाबा उसको ठीक करेंगे. अचानक कुछ देर बाद वह होश में आई और फिर उसकी मौत हो गई. शव को आगरा के मल्ल का चबूतरा शमशान घाट ले जाया गया, लेकिन अनुयाई इस बात पर अड़ गए थे कि भोले बाबा आएंगे और बच्ची को जिंदा करेंगे.
...तब पुलिस फोर्स ने अनुयायियों पर किया था लाठीचार्ज

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