
बेअंत सिंह के हत्यारे की दया याचिका 12 साल में राष्ट्रपति तक नहीं पहुंची
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यालय से अपील की है कि वह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका पर दो हफ्ते के अंदर फैसला लें. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि निर्धारित समय सीमा के अंदर फैसला नहीं लिया जाता है तो वह राजोआना की दया याचिका पर स्वयं विचार करेगी.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की फांसी को उम्रकैद में बदलने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 25 नवंबर को सुनवाई करेगा. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने 2012 में राजोआना की ओर से राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की गई थी.
याचिका सोमवार सुबह सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति के सचिव से दो हफ्ते में राजोआना की दया याचिका पर विचार करने को कहा था। लेकिन दोपहर होते होते सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को राजोआना की फाइल की स्थिति की जानकारी दी.
सोमवार दोपहर जस्टिस भूषण आर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ के सामने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले का उल्लेख करते हुए अनुरोध किया कि इस पर शुक्रवार को सुनवाई की जाए. सुबह के सत्र में अपनी अनुपस्थिति के लिए माफी मांगते हुए मेहता ने कहा कि राजोआना की दया याचिका की फ़ाइल अब तक गृह मंत्रालय के पास ही है. यानी राष्ट्रपति के पास पहुंची ही नहीं है.
ये मुद्दा "संवेदनशील" है इसलिए पीठ से गुजारिश है कि वो अपने आदेश पर हस्ताक्षर न करें. साथ ही इसे वेबसाइट पर अपलोड भी न किया जाए. उन्होंने कहा कि वो सरकार से निर्देश लेकर आएंगे और सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखेंगे.
सुबह सुप्रीम कोर्ट ने सुबह कहा कि यदि निर्धारित समय सीमा के अंदर फैसला नहीं लिया जाता है तो वह राजोआना की दया याचिका पर स्वयं विचार करेगी. अदालत ने कहा, 'हम स्पष्ट करते हैं कि यदि कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो हम याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई अंतरिम राहत पर विचार करेंगे.
25 नवंबर को होगी सुनवाई

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