बृहस्पति के अशुभ प्रभाव से क्या होता है? जानें इसे दूर करने के उपाय
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नवग्रहों में बृहस्पति को गुरु और मंत्रणा का कारक माना जाता है. पांच तत्वों में आकाश तत्त्व का अधिपति होने के कारण इसका प्रभाव बहुत ही व्यापक और विराट होता है. बृहस्पति के कमजोर होने से व्यक्ति के संस्कार कमजोर होते हैं साथ ही विद्या और धन प्राप्ति में बाधा आती है.
ग्रहों में बृहस्पति सर्वाधिक शुभ और पवित्र है. मात्र कुंडली में इसके शुभ होने पर व्यक्ति पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है. यह अकेला संतान, धन और विवाह के मामलों को उत्तम कर देता है. इसकी दृष्टि गंगाजल के समान पवित्र होती है. ये दृष्टि जिस ग्रह और जिस भाव पर पड़ती है, उसके अशुभ प्रभाव को नष्ट कर देती है. बृहस्पति के अशुभ प्रभाव पड़ने पर क्या होता है? बृहस्पति के कमजोर होने से व्यक्ति के संस्कार कमजोर होते हैं. विद्या और धन प्राप्ति में बाधा के साथ साथ व्यक्ति को बड़ों का सहयोग पाने में मुश्किलें आती हैं. व्यक्ति का पाचन तंत्र कमजोर होता है, कैंसर और लीवर की सारी गंभीर समस्याएं बृहस्पति ही देता है. संतान पक्ष की समस्याए भी परेशान करती हैं , कभी-कभी तो संतान ही नहीं होती है. अगर बृहस्पति का सम्बन्ध विवाह भाव से बन जाए तो विवाह होना असंभव हो जाता है. शनि की अशुभ स्थिति से व्यक्ति की समस्याओं का निवारण हो सकता है परन्तु बृहस्पति के बुरे असर का निवारण बहुत ही मुश्किल होता है.More Related News
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