बीजापुरः नक्सलियों से मुठभेड़ में अब तक 22 जवान शहीद, रॉकेट लॉन्चर और LMG से किया था हमला
AajTak
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में 20 और जवानों के शव बरामद किए गए हैं. सूबे के डीजी डीएम अवस्थी ने इस बात की पुष्टि की है. अबतक कुल 22 शव बरामद किए गए हैं. अब भी एक जवान लापता है. कुल 31 जवान घायल हैं.
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में 20 और जवानों के शव बरामद किए गए हैं. सूबे के डीजी डीएम अवस्थी ने इस बात की पुष्टि की है. अबतक कुल 22 शव बरामद किए गए हैं. अब भी एक जवान लापता है. कुल 31 जवान घायल हैं. इस साल का सबसे बड़ा नक्सली हमला है.शनिवार को इस हमले में नक्सलियों ने देसी रॉकेट लॉन्चर और एलएमजी का इस्तेमाल किया था.सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की सबसे मजबूत गढ़ बीजापुर में यह ऑपरेशन चलाया था. नक्सलियों के विरुद्ध अभियान नक्सलियों के सबसे बड़े पीपुल्स लिबरेशन ग्रुप आर्मी प्लाटून वन (PLGA 1) में से एक हिडमा के गढ़ में था. On ground visuals from the site of Naxal attack at Sukma-Bijapur border in Chhattisgarh; 22 security personnel have lost their lives in the attack pic.twitter.com/sVCoyXIRwN सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस को खबर थी कि नक्सलियों का बड़ा दुर्दांत कमांडर हिडमा इस हमले से ही 1 किलोमीटर की दूरी पर पोवर्ती गांव में है जिसके बाद सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया था.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.