बांस के सुप-दउरा की जगह पीतल के बरतन.. आस्था के महापर्व छठ के तौर-तरीकों में आ रहा बदलाव
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बदलते वक्त के साथ छठ पूजा भी हाईटेक होती जा रही है. आधुनिक दौर में छठ पूजा में पीतल के सूप और दउरा की मांग बड़ी है. जिसकी वजह से बांस से बने सुप, दउरा कारोबार पर खासा असर पड़ा है.
लोकआस्था का महापर्व छठ पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. बदलते वक्त के साथ छठ पूजा भी हाईटेक होती जा रही है. आधुनिक दौर में छठ पूजा में पीतल के सूप और दउरा की मांग बड़ी है. जिसकी वजह से बांस से बने सुप, दउरा कारोबारा पर खासा असर पड़ा है. छठ पर्व में बांस के सूप, डाला, दउरा, कोनिया का अलग ही महत्व होता है. लेकिन आधुनिक दौर में लोग अपनी जरुरत के हिसाब से पीतल, तांबा, स्टील का डाला और सुप उपयोग करने लगे है.
राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
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एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.