
बांग्लादेशी संत चिन्मय दास को अभी जेल में ही रहना होगा, कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
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बांग्लादेश के हिंदू संत को कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है. बता दें कि चिन्मय दास को 25 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था. बांग्लादेश पुलिस ने उनके ऊपर झंडे का अपमान करने का आरोप लगाते हुए राजद्रोह का केस दर्ज किया है.
बांग्लादेश के हिंदू संत चिन्मय दास को वहां की कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. यानी फिलहाल चिन्मय दास को जेल में ही रहना होगा.
चटगांव की एक अदालत ने हिंदू संत चिन्मय दास की जमानत याचिका आज (2 जनवरी) खारिज कर दी. चिन्मय दास को 25 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था, बांग्लादेश पुलिस ने उनके ऊपर राजद्रोह का आरोप लगाया है.
30 मिनट तक कोर्ट में चलीं दलीलें
ढाका के मीडिया आउटलेट द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक ढाका से चटगांव आए सुप्रीम कोर्ट के 11 वकीलों के दल ने मेट्रोपॉलिटन जज मोहम्मद सैफुल इस्लाम के सामने करीब 30 मिनट तक दलीलें दीं. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी.
हाई कोर्ट में अपील करने की योजना
सुनवाई के दौरान 11 वकीलों की टीम का नेतृत्व अधिवक्ता अपूर्व कुमार भट्टाचार्जी ने किया. अपूर्व सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता भी हैं. चिन्मय दास भी इस संगठन का हिस्सा हैं. चिन्मय के वकील भट्टाचार्जी ने द डेली स्टार को बताया कि वे जमानत के लिए हाई कोर्ट में अपील करने की योजना बना रहे हैं.

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