
'...बस बहुत हो गया', अमेरिका में राष्ट्रपति पद की दावेदार भारतवंशी महिला को क्यों आया गुस्सा
AajTak
निक्की हेली ने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका कभी भी 'नस्लवादी देश' नहीं रहा और यहां के लोगों का मकसद हमेशा आज को कल से बेहतर बनाना रहा है. हेली ने ये बयान टीवी होस्ट जॉय रीड के उस बयान के जवाब में दिया, जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या हेली रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की आधिकारिक उम्मीदवार बन सकती हैं?
अमेरिका में इस साल के अंत में राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहे हैं. इस चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से भारतीय मूल की निक्की हेली भी अपनी किस्मत आजमा रही हैं. चुनावी सरगर्मियों के बीच निक्की ने अमेरिका को लेकर दो टूक कह दिया है कि यह देश कभी भी नस्लवादी नहीं रहा.
निक्की हेली ने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका कभी भी 'नस्लवादी देश' नहीं रहा और यहां के लोगों का मकसद हमेशा आज को कल से बेहतर बनाना रहा है. हेली ने ये बयान टीवी होस्ट जॉय रीड के उस बयान के जवाब में दिया, जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या हेली रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की आधिकारिक उम्मीदवार बन सकती हैं?
रीड ने हेली की पार्टी रिपब्लिकन पर इमिग्रेंट विरोधी होने का आरोप लगाया था. फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में हेली ने कहा कि मैं एक ब्राउन गर्ल हूं, जो साउथ कैरोलिना के छोटे से कस्बे में पली-बढ़ी है, जिसने पहली हिंदू महिला गवर्नर बनकर इतिहास रचा. जो संयुक्त राष्ट्र की एंबेसेडर बनी और अब राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ रही है. अगर ये अमेरिकी ड्रीम नहीं है तो पता नहीं कि आप किस दुनिया में हैं.
जब 'फॉक्स एंड फ्रेंड्स' के होस्ट ब्रायन किल्मेडे ने उनसे पूछा कि क्या रिपब्लिकन पार्टी नस्लवादी है, तो निक्की हेली ने कहा कि नहीं, हम नहीं हैं. हम एक नस्लवादी देश नहीं हैं. हम कभी भी नस्लवादी देश नहीं रहे. हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि आज कल से बेहतर हो.
उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि जब मैं बड़ी हो रही थी तो मुझे नस्लवाद का सामना करना पड़ा था, लेकिन मैं आपको बता सकती हूं कि आज की स्थिति तब की तुलना में बहुत बेहतर है. हमारा लक्ष्य हर किसी को ऊपर उठाना है.
कैसे आयोवा कॉकस के नतीजे?

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







