
'बंद करो खरीद, चीन पर भी प्रेशर...', रूसी तेल पर भारत पर नहीं चला दबाव तो अब यूरोप पर भड़के ट्रंप
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को रूसी तेल खरीद पर टार्गेट किया है. उन्होंने भारत पर टैरिफ बढ़ाकर 50% कर दिया है. भारत को टार्गेट करने के बाद अब वो यूरोप पर लगाम कस रहे हैं. उन्होंने यूरोपीय नेताओं के साथ बैठक में रूसी तेल की खरीद पर बड़ा बयान दिया है.
रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत को टैरिफ का दंड देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब यूरोप के पीछे पड़ गए हैं. गुरुवार को दुनिया के नेताओं के साथ एक बैठक में उन्होंने कहा कि यूरोप को रूसी तेल खरीदना बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में युद्ध को खत्म करने के लिए चीन पर आर्थिक दबाव डालना चाहिए.
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने अमेरिका ब्रॉडकास्टर सीएनएन को यह जानकारी दी. ट्रंप ने गुरुवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और अन्य यूरोपीय नेताओं के साथ 'Coalition of the Willing' की बैठक में यह टिप्पणी की. यह यूक्रेनी सहयोगियों का एक समूह है जो युद्ध को समाप्त करने और भविष्य के हमलों से यूक्रेन को सुरक्षा प्रदान करने की कोशिश कर रहा है.
यूरोपीय देशों पर ट्रंप की टिप्पणी के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन में शांति को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि 26 देशों ने वादा किया है कि अगर युद्ध विराम समझौते को अंतिम रूप दिया जाता है तो वे संभावित शांति सेना में योगदान देंगे. हालांकि, माना जाता है कि अमेरिकी के बिना यूरोपीय देश यूक्रेन को सुरक्षा की गारंटी नहीं दे पाएंगे.
मैक्रों ने गुरुवार को इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि यूक्रेन की सेना को मजबूत करने और यूक्रेन में यूरोपीय सैनिकों को तैनात करने में तीसरा फैक्टर अमेरिका का 'सेफ्टी नेट' होना चाहिए. फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा, 'आने वाले दिनों में हम इन सुरक्षा गारंटियों के लिए अमेरिकी समर्थन को अंतिम रूप दे देंगे.'
ट्रंप और यूरोपीय नेताओं की यह बैठक यूक्रेन में युद्ध समाप्त न करा पाने की ट्रंप की हताशा के बीच हो रही है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अलास्का शिखर सम्मेलन के लगभग तीन हफ्ते बाद भी ट्रंप शांति वार्ता में प्रगति न होने से लगातार निराश हो रहे हैं.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






