फेल नहीं होगी मौसम विभाग की भविष्यवाणी! अधिकारियों ने बताया अगले 5 साल का रोडमैप
AajTak
Monsoon Weather Prediction System: मौसम विभाग का अगले दो सालों का रोड मैप तैयार है. हमारे देश भर में 100 के करीब डॉप्लर और राडार स्थापित किए जाएंगे. मौसम विभाग और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने पूर्वी और पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों की ऊंची पर्वतमालाओं पर शक्तिशाली राडार लगाए हैं.
मॉनसून के मौसम में सिर्फ आसमान में बादल ही नहीं घुमड़ते बल्कि आम जन के जेहन में कई सवाल भी घुमड़ते हैं. काले घने बादलों में ही बिजलियां नहीं कौंधती बल्कि किसानों और अन्य नागरिकों के दिमाग में आशंकाओं के रूप में भी कौंधती हैं. लेकिन मौसम विभाग के आला अधिकारियों की बातों पर यकीन करें तो इस बार भी मॉनसून से जुड़ी कुल भविष्यवाणियों में से 80 फीसदी ही सही होंगी. बाकी 20 फीसदी में सच्चाई का ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है. मौसम विभाग के आला अधिकारियों ने ये स्वीकार किया है कि हम पिछले 10 सालों के दौरान 50 फीसदी की एक्यूरेसी यानी सटीक भविष्यवाणी करते थे तो अब वहां से आगे बढ़ते हुए अब हमारी 80 फीसदी से ज्यादा भविष्यवाणी सच साबित होने लगी है. अगले 5 साल में हम 90 फीसदी से अधिक सटीक भविष्यवाणी का आंकड़ा पार कर सकते हैं. मौसम विभाग के राष्ट्रीय पूर्वानुमान केंद्र के महानिदेशक डॉ राजेंद्र कुमार जेनामणि ने आजतक से खास बातचीत में बताया कि पिछले 5 सालों की बात करें तो 2015 तक हम मॉनसून की भविष्यवाणी करने में 60 फीसदी तक कामयाब होते थे. लेकिन अब सटीक होने की दर 80 फीसदी से भी ज्यादा है. हाल के दशकों में मौसम विज्ञान विभाग ने तकनीकी स्तर पर पहले 2009 में और फिर 2015 में बदलाव और सुधार किए. उनका असर भी दिखने लगा. हम पहले 2-3 दिन मौसम में आने वाले बदलाव की भविष्यवाणी करने में सक्षम थे. लेकिन अब तो हम अगले दो घंटों की भविष्यवाणी काफी आसानी से कर लेते हैं. वो 95 फीसदी तक सटीक बैठती है.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.