फिर बदलेगा नियम! कोरोना से रिकवर होने के बाद वैक्सीन के लिए करना पड़ सकता है 9 महीने इंतजार
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वैक्सीन की नीतियों में लगातार बदलाव भी हो रहा है. अब अगर किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस होता है, तो रिकवर होने के करीब नौ महीने बाद ही उसे टीका लग सकता है.
कोरोना वायरस को मात देने के लिए देश में वैक्सीनेशन का काम जारी है. इस बीच वैक्सीन की नीतियों में लगातार बदलाव भी हो रहा है. अब अगर किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस होता है, तो रिकवर होने के करीब नौ महीने बाद ही उसे टीका लग सकता है. नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन (NEGVAC) की ओर से जल्द ही इसपर फैसला किया जा सकता है, ग्रुप ने रिकवरी के नौ महीने बाद ही टीका लगवाने का सुझाव दिया है. बता दें कि हाल ही में इस वक्त को 6 महीने किया गया था, लेकिन अब ये नौ महीने तक बढ़ाया जा सकता है. एक्सपर्ट ग्रुप की ओर से तथ्यों को देखते हुए इस तरह का सुझाव दिया गया है. भारत में कोरोना की पहली लहर के दौरान रिइन्फेक्शन का रेट 4.5 फीसदी तक था, इस दौरान 102 दिन का अंतर देखने को मिला था. वहीं, कुछ देशों में स्टडी में पाया गया है कि कोरोना संक्रमित के बाद 6 महीने तक इम्युनिटी रह सकती है, इसलिए इतना वक्त जरूरी है. हालांकि, जब कोरोना महामारी अभी भी जारी है, ऐसे में रिइन्फेक्शन की संभावना बनी हुई है. ऐसे में अगर किसी को पहली या दूसरी डोज़ के लिए इंतजार करना पड़ता है, तो ये लाभकारी भी हो सकता है.हाल ही में बदले गए थे नियम आपको बता दें कि वैक्सीनेशन को लेकर हाल ही में भी नियमों में कुछ बदलाव किया गया था. जिसके तहत अब कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज़ के लिए 12 से 16 हफ्ते इंतजार करना पड़ेगा, कोविन के पोर्टल पर भी अब दूसरी डोज़ का ऑप्शन 84 दिन बाद दिखा रहा है. वहीं, कोविड से रिकवर हुए व्यक्ति को पहले 6 महीने तक इंतज़ार की बात थी, लेकिन अब ये नौ महीने तक हो सकती है. वहीं, गर्भवती महिला के पास डिलीवरी के बाद वैक्सीन लेने का ऑप्शन है.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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