
फिर फूटा Trump का H1B Visa बम... खौफ में टेक कंपनियां, US कोर्ट ने दी $100000 फीस को मंजूरी
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Donald Trump के नए H-1B Visa नियम अगले साल 27 फरवरी 2026 से लागू होने वाले हैं. इस वीजा की फीस 1 लाख डॉलर करने के बाद ट्रंप प्रशासन की ओर से कई अन्य बड़े बदलाव भी किए गए हैं.
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के H1B Visa का खौफ टेक कंपनियों में फिर से बढ़ गया है, क्योंकि एक अमेरिकी संघीय न्यायाधीश ने इसे लेकर जो फैसला सुनाया वो ट्रंप को राहत और टेक फर्मों का संकट बढ़ाने वाला है. जी हां, जज की ओर से कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन नए एच-1बी वीजा आवेदनों पर 100,000 डॉलर (करीब 89 लाख रुपये से ज्यादा) की फीस लगाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकता है. ये फैसला सीधे अमेरिकी टेक कंपनियों और अन्य नियोक्ताओं को बड़ा झटका देने वाला है, जो विदेशी वर्करों पर बहुत हद तक निर्भर हैं.
ट्रंप के पक्ष में क्या बोले जज?
अमेरिका के न्यायाधीश की ओर से सुनाए गए इस फैसले से ट्रंप के आव्रजन एजेंडे (Trump Immigration Agenda) को मजबूती मिलती है. यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब प्रशासन अधिक वेतन पाने वाले श्रमिकों के पक्ष में H-1B लॉटरी सिस्टम में सुधार करने की दिशा में भी लगातार कदम उठा रहा है.
अमेरिकी जिला न्यायाधीश बेरिल हॉवेल (Beryl Howell) ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लोकप्रिय वीजा प्रोग्राम की लागत में भारी वृद्धि का आदेश देकर अपने कानूनी अधिकार क्षेत्र के भीतर ही काम किया है. यह निर्णय अमेरिकी श्रमिकों (US Workers) को रोजगार देने के व्यापक प्रयासों को दर्शाता है. इस फैसले से Donald Trump प्रशासन को कानूनी चुनौतियों के जारी रहने के दौरान 100000 डॉलर का शुल्क लागू करने की अनुमति मिल गई है.
H1B Visa रूल में कई बड़े बदलाव
जज हावेल ने यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स के इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया कि ट्रंप के पास इस तरह का वीजा शुल्क लगाने की शक्ति नहीं थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रपति को उन मुद्दों से निपटने के लिए व्यापक अधिकार दिया है, जिन्हें वह आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं से जुड़ा हुआ मानते हैं.













