
फडणवीस के पास गृह, अजित को वित्त तो शिंदे को शहरी विकास... महाराष्ट्र में किस पार्टी को मिले कौन-कौन से विभाग
AajTak
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हो गया है. धनंजय मुंडे को खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग, पंकजा मुंडे को पर्यावरण और पशुपालन विभाग, उदय सामंत को उद्योग विभाग, माणिकराव कोकाटे को कृषि विभाग का जिम्मा दिया गया है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी मंत्रिपरिषद को विभागों का आवंटन कर दिया है. जिसमें महत्वपूर्ण गृह विभाग को फडणवीस ने अपने पास रखा है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि सीएम फडणवीस ऊर्जा (नवीकरणीय ऊर्जा को छोड़कर), कानून और न्यायपालिका, सामान्य प्रशासन विभाग और सूचना एवं प्रचार विभाग भी संभालेंगे.
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शहरी विकास, आवास और लोक निर्माण विभाग (सार्वजनिक उद्यम) आवंटित किया गया है. जबकि डिप्टी सीएम अजित पवार को वित्त और योजना, राज्य उत्पाद शुल्क मिला है.
किसे क्या जिम्मेदारी मिली, यहां पढ़ें पूरी लिस्ट...
भाजपा के मंत्रियों को ये विभाग आवंटित किए गए हैं
- चंद्रशेखर बावनकुले- राजस्व - राधाकृष्ण विखे पाटिल- जल संसाधन- कृष्णा और गोदावरी घाटी विकास निगम - चंद्रकांत पाटिल- उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, संसदीय मामले - गिरीश महाजन- जल संसाधन (विदर्भ, तापी, कोंकण विकास निगम) और आपदा प्रबंधन - गणेश नाइक- वन विभाग - मंगल प्रभात लोढ़ा- कौशल विकास, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार - जयकुमार रावल- विपणन और प्रोटोकॉल - पंकजा मुंडे- पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, पशुपालन विभाग - अतुल सेव- ओबीसी कल्याण, डेयरी विकास और नवीकरणीय ऊर्जा - अशोक उइके- आदिवासी विकास - आशीष शेलार- सांस्कृतिक मामले और सूचना प्रौद्योगिकी - शिवेंद्र सिंह भोसले- लोक निर्माण - जयकुमार गोरे- ग्रामीण विकास और पंचायती राज - संजय सावकारे- कपड़ा - नितेश राणे- मत्स्य और बंदरगाह - आकाश फुंडकर- श्रम विभाग

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.

इंडिगो के ऑपरेशनल संकट का असर 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ. देश के कई बड़े एयरपोट्स पर आज सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे हजारों यात्री परेशान देखे गए. कई एयरपोर्ट पर यात्रियों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ा. कुछ जगह इंडिगो के काउंटर्स पर सहयोग ना करने की शिकायतें सामने आईं. कंपनी लगातार शेड्यूल में बड़े बदलाव कर रही है. अब तक 11 बड़े एयरपोर्ट्स पर कुल 571 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं.






