
पूरा हो जाएगा ट्रंप का 'ग्रीनलैंड' खरीदने का सपना? डेनमार्क की PM ने दिया ऐसा जवाब
AajTak
अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जबसे चुनाव जीते हैं तबसे ही उन्होंने ग्रीनलैंड खरीदने की इच्छा जाहिर करनी एक बार फिर शुरू कर दी है. हालांकि, उनका सपना पूरा होना इतना आसान नहीं है. बात को आगे बढ़ाने के लिए ट्रंप के बड़े बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ग्रीनलैंड पहुंचे हैं. उनके वहां पहुंचने के बाद डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने इस मामले में काफी संभला हुआ बयान दिया है.
अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जबसे चुनाव जीते हैं तबसे ही उन्होंने ग्रीनलैंड खरीदने की इच्छा जाहिर करनी एक बार फिर शुरू कर दी है. ट्रंप चाहते हैं कि जैसे दशकों पहले अमेरिका ने रूस से अलास्का को खरीदा था, इसी तरह वह अब डेनमार्क से ग्रीनलैंड को खरीद लें. ग्रीनलैंड एक द्वीप है जो वर्तमान में डेनमार्क के कंट्रोल में है. हालांकि, ट्रंप का सपना पूरा होना इतना आसान नहीं है, क्योंकि डेनमार्क की लीडरशिप ग्रीनलैंड को छोड़ने के मूड में नजर नहीं आ रही है.
ग्रीनलैंड खरीदने की बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए ट्रंप ने अपने बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर को वहां भेजा है. मंगलवार 7 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ग्रीनलैंड पहुंच गए हैं.
हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप जूनियर की यात्रा को निजी यात्रा बताया जा रहा है लेकिन उनके ग्रीनलैंड जाने के बाद डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन का इस मामले में काफी संभला हुआ बयान सामने आया है.
ग्रीनलैंड में आकर कारोबार खूब करो, लेकिन बिकाऊ नहीं है- मेटे फ्रेडरिक्सन
मंगलवार शाम को डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिका हमारा करीबी सहयोगी है. उत्तरी एटलांटिक क्षेत्र में और ज्यादा सहयोग के लिए डेनमार्क के दरवाजे हमेशा खुले हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह बहुत सकारात्मक बात है कि अमेरिका ग्रीनलैंड को लेकर इच्छुक है, हम और ज्यादा अमेरिकी निवेश का स्वागत करते हैं. डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने आगे कहा कि, ''यह हमारे हित में है कि अमेरिका ही इस क्षेत्र में अहम भूमिका में रहे ना कि रूस लेकिन ग्रीनलैंड बिकाऊ नहीं है."
डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद पिछले महीने दिसंबर में कहा था कि वह अभी भी ग्रीनलैंड को खरीदना चाहते हैं. उन्होंने कहा था कि ग्रीनलैंड पर अमेरिका की ऑनरशिप और कंट्रोल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है. ट्रंप के इस बयान के बाद डेनमार्क में खलबली मच गई थी. हालांकि, वहां की प्रधानमंत्री ने उस समय इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया देने से जरूर परहेज किया था.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.








