
पीएम मोदी ने किया कर्तव्य भवन का लोकार्पण, जानिए इसमें शिफ्ट होंगे कौन से मंत्रालय
AajTak
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सेंट्रल विस्टा के कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट के तहत निर्मित कर्तव्य भवन का लोकार्पण किया. यह भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सेंट्रल विस्टा के कर्तव्य पथ पर नवनिर्मित कर्तव्य भवन का लोकार्पण किया. इस नए भवन में गृह मंत्रालय समेत कई अन्य अहम मंत्रालय शिफ्ट हो रहे हैं. यह भवन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का ही हिस्सा है. कर्तव्य भवन-3 सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले 10 कॉमन सेंट्रल सेक्रेटिएट बिल्डिंग सीरीज का पहला भवन है, जिनमें केंद्रीय सचिवालय शिफ्ट होने हैं.
कर्तव्य भवन का उद्देश्य प्रशासनि कार्यप्रणाली को अधिक दक्ष बनाने के साथ ही सुव्यवस्थित करना और उत्तरदायी बनाना बताया जा रहा है. गौरतलब है कि अभी केंद्र सरकार के मंत्रालय और विभागों के कार्यालय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में चल रहे हैं. सरकार की योजना अलग-अलग जगह चल रहे इन कार्यालयों और सचिवालयों को सेंट्रल विस्टा के तहत एक जगह लाने की है.
फिलहाल, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, उद्योग और ग्रामीण विकास मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालय शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसे दशकों पुराने जीर्ण-शीर्ण हो चुकी इमारतों से चल रहे हैं. कर्तव्य भवन श्रृंखला की इमारतों के निर्माण के पीछे पुराने भवनों के जीर्णोद्धार पर व्यय को कम करना भी है.
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है भवन
कर्तव्य भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस उच्च स्तरीय कार्यालय परिसर है. यह परिसर लगभग डेढ़ लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. इसमें दो बेसमेंट और सात तल होंगे, जिसमें भूतल भी शामिल है.
इस भवन में जिन प्रमुख मंत्रालयों और विभागों के कार्यालय होंगे, उनमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ ही प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय भी शामिल है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







