
पीएम मोदी के बारे में क्या सोचते हैं अमित शाह और योगी आदित्यनाथ, उनके शुभकामना लेखों से समझिये
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर आज सबसे विशेष बधाई गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रही. भारतीय जनता पार्टी में नरेंद्र मोदी के बाद सबसे लोकप्रिय और ताकतवर नेताओं में शुमार दोनों शख्सियतों ने प्रधानमंत्री को समर्पित एक लेख लिखा. आइये देखते हैं कि किस तरह इन दोनों नेताओं ने देश के सबसे लोकप्रिय नेता को शुभकामनाएं दी हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 17 सितंबर को अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं. दुनिया भर के लोग उनको बधाई संदेश भेज रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से लेकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन तक ने मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं. इसी तरह अपने देश में मोदी को हर क्षेत्र के लोग शुभकामनाएं भेज रहे हैं. राजनीति, फिल्म जगत , इंडस्ट्री ,बिजनेस सभी फील्ड के धुरंधर लोग पीएम को जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहे हैं. पर सबसे खास बधाई प्रधानमंत्री को दी है गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने. इन दोनों नेताओं ने अखबारों में लेख लिखकर मोदी के प्रति अपनी भावनाओं को उजागर किया है. राजनीतिक गलियारों में इन दोनों ही नेताओं को प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराधिकारी कहा जाता है. जाहिर है कि आम लोगों के दिलों में इस बात को लेकर जरूर जिज्ञासा होगी कि दोनों नेताओं ने हमारे प्रधानमंत्री के बारे क्या लिखा? दोनों लेख मोदी के नेतृत्व, व्यक्तित्व और भारत के लिए उनके योगदान की प्रशंसा करते हैं, लेकिन उनकी शैली, दृष्टिकोण और जोर देने वाले पहलू भिन्न हैं.
1- लेखों का शीर्षक और थीम में क्या है अंतर
अमित शाह ने जो लेख लिखा है उसकी हेडलाइन है 'सशक्त भारत के शिल्पकार मोदी'. शीर्षक से साफ लगता है कि यह लेख मोदी को एक रचनात्मक और दूरदर्शी नेता के रूप में प्रस्तुत करता है, जो भारत को आधुनिक और सशक्त बनाने का कार्य कर रहा है. शाह ने विश्वकर्मा जयंती के साथ मोदी के जन्मदिन के संयोग को प्रतीकात्मक रूप से जोड़ा, उन्हें भारत के बुनियादी ढांचे और विकास का शिल्पकार बताया है. लेख का जोर ठोस उपलब्धियों और संगठनात्मक प्रेरणा पर है.
दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ के लेख का शीर्षक है 'नरेंद्र मोदी: एक साधक और एक कर्मयोगी'. लेख के शीर्षक से ही लगता है कि लेखक मोदी को आध्यात्मिक और वैचारिक दृष्टिकोण से चित्रित करना चाहता है. योगी ने मोदी को एक साधक, कर्मयोगी और भारत की सामूहिक चेतना के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया है. विश्वकर्मा जयंती को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संदर्भ में जोड़ते हुए योगी ने मोदी को श्रेष्ठ भारत का शिल्पी बताया है. लेख का जोर राष्ट्रीय जागरण और दीर्घकालिक विजन पर है.
2- लेख का दृष्टिकोण और शैली
अमित शाह का लेख पढ़ते हुए लगता है कि वे उनके व्यक्तिगत अनुभवों और संगठन में मोदी की भूमिकाओं के दृष्टिकोण से प्रेरित हैं. उन्होंने राजकोट यात्रा का एक प्रसंग साझा किया, जिसमें मोदी ने कार्यकर्ताओं को पहले भोजन कराने के बाद ही खुद खाना खाया. यह व्यक्तिगत कहानी मोदी की संवेदनशीलता और कार्यकर्ताओं के प्रति उनके अपनत्व को दर्शाती है. शाह की शैली सरल, प्रेरणादायक और कार्यकर्ता-केंद्रित है, जो भाजपा के संगठनात्मक ढांचे से जुड़े लोगों को प्रेरित करती है. लेख में विश्वास, अपनापन और समर्पण को संगठन की आत्मा बताया गया, जो मोदी के नेतृत्व का मूलमंत्र है.

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