पिता की राह पर राकेश टिकैत, चलाया चरखा, कोल्हू से गन्ने का रस निकालकर किसानों को पिलाया
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राकेश टिकैत ने बताया कि धीरे-धीरे गर्मी का मौसम आने लगा है, आंदोलन में डटे किसानों को गन्ने का जूस पिलाने के लिए यह कोल्हू लगाया गया है. इसके साथ ही ये कोल्हू इस बात का भी प्रतीक है कि सख्ती के बिना कुछ नहीं होता.
किसान आंदोलन को नई धार देने के क्रम में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत अपने पिता महेंद्र सिंह टिकैत के रास्ते पर चल पड़े हैं. पालथी मारकर जमीन पर बैठे राकेश टिकैत ने अपने हाथों से कोल्हू में गन्ने लगाए और गन्ने का रस निकालकर आंदोलनकारियों को पिलाया. 1995 में महेंद्र सिंह टिकैत ने कोल्हू को लाल किले पर तब चलाया था जब वे डब्लूटीओ के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे. मतलब साफ है सरकार पर जब तक जोरदार दबाव नहीं पड़ेगा, वह कुछ देने वाली नहीं है. राकेश टिकैत ने बताया कि धीरे-धीरे गर्मी का मौसम आने लगा है, आंदोलन में डटे किसानों को गन्ने का जूस पिलाने के लिए यह कोल्हू लगाया गया है. इसके साथ ही यह कोल्हू इस बात का भी प्रतीक है कि सख्ती के बिना कुछ नहीं होता.जर्मनी से 35 दिन बाद वापस लौटने पर जेडीएस के निष्कासित सांसद रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी गईं. लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रेवन्ना को 6 जून तक SIT हिरासत में भेज दिया है.
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