
पाकिस्तान में जन्मे लेकिन PM रहते हुए वहां कभी नहीं गए, पड़ोसी मुल्क को लेकर सख्त रहा डॉ. मनमोहन सिंह का स्टैंड
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पूर्व डिप्टी एनएसए पंकज सरन ने कहा,
डॉ. मनमोहन सिंह के तत्कालीन करीबी सहयोगी रहे पूर्व डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) पंकज सरन ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में डॉ. सिंह ने पाकिस्तान के साथ शांति स्थापित करने के लिए 'बहुत कोशिश' की, लेकिन कामयाब नहीं हुए.
डॉ. सिंह का गुरुवार देर रात 92 वर्ष की आयु में यहां निधन हो गया था. सरन ने गुरुवार को सिंह के निधन को "बहुत दुर्भाग्यपूर्ण" करार दिया और उन्हें एक बुद्धिजीवी, वैश्विक स्तर के अर्थशास्त्री, लेकिन "विनम्रता के प्रतीक" शख्स के रूप में याद किया.
पंकज सरन ने डॉ. सिंह को याद करते हुए कहा कि वह आम सहमति बनाने वाले, बहुत ही सरल व्यक्ति थे जिन्हें कभी प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन उन्होंने 10 साल तक सेवा की. 1982 बैच के आईएफएस अधिकारी सरन ने रूस में भारत के राजदूत के रूप में काम किया था. उन्होंने भारत और विदेशों में विभिन्न पदों पर भी काम किया था, जिसमें बांग्लादेश में देश के उच्चायुक्त का पद भी शामिल है. उन्हें 2018 में डिप्टी एनएसए नियुक्त किया गया था.
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पाकिस्तान से संंबंध सुधारने की बहुत कोशिश की
पंकज सरन ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि 'साल 2008 में जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत में मनमोहन सिंह पहले (भारतीय) प्रधानमंत्री थे जिन्होंने वैश्विक नेताओं के बीच बहुत उच्च प्रतिष्ठा हासिल की. मनमोहन सिंह का मानना था कि भारत का भविष्य पश्चिम के साथ अच्छे संबंधों में निहित है.'

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