पाकिस्तान पहुंचे रूसी विदेश मंत्री, इस ऐलान से बढ़ेगी भारत की टेंशन
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भारत के साथ रूस की दूरी थोड़ी बढ़ी है. पाकिस्तान रूस के करीब आया है जबकि इनका अतीत मनमुटाव वाला रहा है. लेकिन जैसे-जैसे इन देशों में सैन्य और रक्षा उपकरणों को लेकर नए-नए समझौते हो रहे हैं इनकी नजदीकी बढ़ती जा रहा है और गिले-शिकवे दूर होते जा रहे हैं.
पहले अमेरिका का कोई विदेश मंत्री या नेता भारत के दौरे पर आता था तो पाकिस्तान भी जरूर जाता था. लेकिन अब अमेरिका ऐसा नहीं करता है. पहली बार ऐसा हुआ है कि रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव भारत दौरे पर आए तो पाकिस्तान भी गए. इसी से पता चलता है कि भारत और रूस के रिश्ते किस करवट बैठ रहे हैं. रूस और पाकिस्तान के रिश्ते कभी सहज नहीं रहे. ऐसा पाकिस्तान बनने के बाद से ही है. शीत युद्ध के दौरान भी पाकिस्तान अमेरिकी खेमे में था. अफगानिस्तान में भी अमेरिका रूसी मौजूदगी के खिलाफ पाकिस्तान की मदद से तालिबान को खड़ा किया था. लेकिन विदेशी संबंध पारस्परिक हितों से निर्धारित होते हैं न कि अतीत से. अभी भारत और अमेरिका की करीबी बढ़ी है तो रूस से दूरियां बढ़ी हैं. रूस और चीन, अमेरिका के वैश्विक नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं. पाकिस्तान पहले से ही चीन के साथ है, ऐसे में रूस के करीब आना चौंकाता नहीं है. (फोटो-ट्विटर/@SMQureshiPTI) करीब एक दशक में पाकिस्तान का दौरा करने वाले पहले रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से भी मुलाकात की. इस दौरे में अर्थव्यवस्था, व्यापार, आतंकवाद से निपटने और रक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ावा देने की बात हुई. हालांकि, रूस के विदेश मंत्री लावरोव के एक ऐलान से भारत की चिंता बढ़ना तय है. (फोटो-PTI)इजरायल-हमास जंग में सीधा दखल देते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने गाजा में लड़ाई रोकने का प्रस्ताव पास किया. ये यूनाइटेड नेशन्स की सबसे मजबूत शाखा है. ऐसे में जाहिर है कि उसका कहना भी खासा मायने रखेगा. लेकिन क्या हो अगर कोई देश उसकी बात को नजरअंदाज कर दे? कब और क्या-क्या एक्शन ले सकती है परिषद?
इजरायल-हमास जंग में सीधा दखल देते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने गाजा में लड़ाई रोकने का प्रस्ताव पास किया. ये यूनाइटेड नेशन्स की सबसे मजबूत शाखा है. ऐसे में जाहिर है कि उसका कहना भी खासा मायने रखेगा. लेकिन क्या हो अगर कोई देश उसकी बात को नजरअंदाज कर दे? कब और क्या-क्या एक्शन ले सकती है परिषद?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि पिछले हफ्ते मॉस्को के बाहरी इलाके में मौजूद क्रोकस सिटी हॉल में हुआ घातक हमला इस्लामी आतंकवादियों द्वारा किया गया है. हालांकि, पुतिन ने मामले में यूक्रेन को क्लीन चिट नहीं दी है. पुतिन ने कहा कि ये यूक्रेन के लिए भी फायदेमंद था और हो सकता है कि कीव ने इसमें भूमिका निभाई हो. उन्होंने ये टिप्पणी आतंकी हमले के जवाब में रूस द्वारा हुई एक मीटिंग के दौरान की. इससे पहले फ्रांस ने अमेरिका के हां में हां मिलाते हुए कहा कि, खुफिया जानकारी से संकेत मिलता है कि हॉल में हुए हमले के लिए इस्लामिक स्टेट जिम्मेदार है. आपको बता दें कि इस हॉल में 4 आतंकियों ने घुसपैठ की और करीब 140 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवाई.
ईरान के जुर्माने से बचने के लिए पाकिस्तान ने उठाया ये कदम तो अमेरिका ने दी प्रतिबंध लगाने की चेतावनी
अमेरिका ने पाकिस्तान को पाक-ईरान गैस पाइपलाइन परियोजना को लेकर चेतावनी दी है. अमेरिका ने पाकिस्तान को इस परियोजना को रोकने की सलाह दी है. अगर पाकिस्तान ऐसा नहीं करता है तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है. इस प्रोजेक्ट को लेकर मई 2009 में पाकिस्तान और ईरान के बीच समझौता हुआ था.