
'पहलगाम हमले ने सीधे हमारे पेट पर छुरी चलाई...', गुलमर्ग में सन्नाटे पर बोले कश्मीरी, घाटी से लौटे हजारों पर्यटक
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दुनियाभर में मशहूर गुलमर्ग गोंडोला, जो पर्यटकों को अफरवाट की ऊंचाई तक ले जाती है, पूरी तरह सूनी पड़ी है. यही गोंडोला, जहां सुबह 3 बजे से टिकट के लिए लंबी कतारें लगा करती थीं, अब खाली नजर आ रही है. हालांकि, कुछ पर्यटक अब भी सुरक्षा व्यवस्थाओं और स्थानीय लोगों की मेहमाननवाज़ी पर भरोसा जताते हुए गुलमर्ग में रुके हुए हैं.
कश्मीर पर्यटन का केंद्र कहे जाने वाले गुलमर्ग में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब पहलगाम में हुए आतंकी हमले की खबर सामने आई. आमतौर पर पर्यटकों से खचाखच भरा रहने वाला गुलमर्ग अचानक वीरान हो गया. जैसे ही हमले की सूचना फैली, हजारों पर्यटकों ने अपनी यात्रा रद्द कर घाटी से लौटने का फैसला किया.
दुनियाभर में मशहूर गुलमर्ग गोंडोला, जो पर्यटकों को अफरवाट की ऊंचाई तक ले जाती है, पूरी तरह सूनी पड़ी है. यही गोंडोला, जहां सुबह 3 बजे से टिकट के लिए लंबी कतारें लगा करती थीं, अब खाली नजर आ रही है. हालांकि, कुछ पर्यटक अब भी सुरक्षा व्यवस्थाओं और स्थानीय लोगों की मेहमाननवाज़ी पर भरोसा जताते हुए गुलमर्ग में रुके हुए हैं.
पर्यटन के लिए सबसे बुरा वक्त
गुलमर्ग पर्यटन के 45 साल पुराने अनुभवी गाइड और पोनीवाला इरशाद खटाना ने आजतक से बात करते हुए कहा, 'हमने अच्छा वक्त भी देखा, बुरा वक्त भी देखा लेकिन इस हमले ने सीधी छुरी हमारे पेट पर चलाई है.' पिछले कुछ दिनों में केंद्र शासित प्रदेश के लिए 80-90 प्रतिशत बुकिंग रद्द हो गई हैं.
हिमाचल प्रदेश में भी पड़ा पर्यटन पर असर
सिर्फ कश्मीर ही नहीं पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से हिमाचल प्रदेश में ट्रैवल एजेंटों का कारोबार भी प्रभावित हुआ है. शिमला में एंटेलोप टूर्स एंड ट्रैवल्स में काम करने वाले ऋषभ ठाकुर बताते हैं, 'पहलगाम में हुए हमले से हिमाचल प्रदेश में भी कारोबार प्रभावित हुआ है. कश्मीर के लिए तो 80-90 प्रतिशत बुकिंग रद्द हो गई हैं.'

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