
'पड़ोसी नहीं बदल सकते...', अफगानिस्तान और पाकिस्तान की जंग पर आया चीन का बयान
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पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कैंपों पर निशाना लगाया. 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता में आने के बाद से यह दोनों मुल्कों के बीच इस तरह की सबसे भयावह झड़प थी. यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ, जब तालिबान के विदेश मंत्री भारत के दौरे पर हैं.
अफगानिस्तान और तालिबान के बीच हफ्तेभर के संघर्ष के बाद 48 घंटे का सीजफायर लागू है. लेकिन दोनों ओर से हल्की-फुल्की झड़प की रह-रहकर खबरें आ रही हैं. इस बीच चीन ने भी इस सीजफायर पर प्रतिक्रिया दी है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि अस्थाई सीजफायर लागू करने और बातचीत के जरिए समाधान खोजने के पाकिस्तान और अफगानिस्तान के फैसले पर गौर किया है. यह दोनों पक्षों के साझा हितों को पूरा करता है और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के अनुकूल है. चीन इस कदम का स्वागत और समर्थन करता है.
लिन जियान ने कहा कि चीन ने बार-बार इस मुद्दे पर अपनी रुख साफ किया है. चीन का रूस सहित दुनियाभर के देशों के साथ व्यापार और ऊर्जा सहयोग सामान्य है और यह पूरी तरह से वैध है. उन्होंने कहा कि अमेरिका का रुख एकतरफा और धौंस जमाने का रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों पर असर पड़ा है और दुनियाभर के उद्योगों की स्थिरता और सप्लाई चेन बाधित हुई है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों चीन के मित्रवत पड़ोसी हैं. ऐसे पड़ोसी हैं जिन्हें बदला नहीं जा सकता. चीन दोनों देशों का समर्थन करता है कि वे शांत और संयमित रहें, एक व्यापक और स्थायी युद्धविराम हासिल करें. संवाद और बातचीत के जरिए आपसी मतभेदों को सुलझाएं, राजनीतिक समाधान के रास्ते पर लौटें और दोनों देशों के बीच और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को संयुक्त रूप से बनाए रखें.
लिन ने कहा कि हम पाकिस्तान-अफगानिस्तान संबंधों को बेहतर बनाने और विकसित करने में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार है. बता दें कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 48 घंटे के लिए अस्थायी युद्धविराम लागू करने पर सहमति बनी है. सीमा पर ताजा झड़पों के बाद यह कदम उठाया गया है.
पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच आठ अक्टूबर को संघर्ष शुरू हुआ था. यह संघर्ष पिछले हफ्ते शुरू हुआ जब पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के ठिकानों पर हमला किया. पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग (ISPR) ने कहा था कि सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान बॉर्डर पर अफगान तालिबान के हमले को नाकाम कर दिया.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.









