
पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों में बीमारियां फैलने से रोकने पर अब जोर, CM भगवंत मान ने मीटिंग कर दिए ये निर्देश
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पंजाब में बाढ़ के बाद भगवंत मान सरकार ने बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य और राहत अभियान शुरू किया है. 2,300 गांवों में कैंप लगाए गए, जहां 51 हजार से ज्यादा लोगों का इलाज हुआ. आशा वर्कर्स ने 1.3 लाख परिवारों की जांच की. डेंगू-मलेरिया रोकने के लिए 878 गांवों में फॉगिंग भी हुई.
पंजाब में आई बाढ़ के बाद हालात बेहद मुश्किल थे और जनता बेहाल थी. ऐसे में भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने सही वक्त पर फैसला लेते हुए जमीन पर काम शुरू किया. 15 सितंबर की स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, मान सरकार पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए जमीन पर काम कर रही है. 2303 गांवों में शुरू किए गए विशेष स्वास्थ्य अभियान ने पूरे राज्य में प्रभावित हुए नागरिकों की उम्मीद जगाई है.
पंजाब में अब तक 2016 गांवों में हेल्थ कैंप लग चुके हैं, जहां 51,612 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई और उन्हें मौके पर ही इलाज और दवाईयां दी गई. ये वो लोग हैं जो बाढ़ के बाद असहाय थे, लेकिन आज राहत के साथ यह भी महसूस कर रहे हैं कि सरकार उनके लिए है, और उनके पास है.
1,929 गांवों में घर-घर जाकर आशा वर्कर्स ने अब तक 1,32,322 परिवारों की सेहत की जांच की है और ज़रूरतमंदों को दवाइयां व मेडिकल किट दी गई हैं. इनमें ORS, पैरासिटामोल, डेटॉल, बैंड-एड, क्रीम और जरूरी दवाइयां शामिल हैं.
'मुश्किल घड़ी में राहत पहुंचाना...'
भगवंत मान ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "आज चंडीगढ़ निवास पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मनुष्यों और पशुओं में बीमारियां फैलने से रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की.
उन्होंने आगे कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित जिलों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं और इलाज के मामले में राहत देने के लिए किए जा रहे प्रयासों को और तेज़ किया जाए. साथ ही खेतों और गांवों के आसपास से गंदे पानी की निकासी सुनिश्चित करने के लिए कहा. इस मुश्किल घड़ी में लोगों को राहत पहुंचाना समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है, जिसके लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है.

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