पंचायत चुनावः इलाहाबाद HC के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में नई आरक्षण पॉलिसी जारी
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हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार को अपने फैसले में कहा था कि पूरी प्रक्रिया को 27 मार्च तक पूरा किया जाए और चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी जाए. सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार को पंचायत चुनाव में 2015 को बेस ईयर बनाने में कोई दिक्कत नहीं है.
उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार की ओर से नई आरक्षण पॉलिसी जारी कर दी गई है. पंचायत चुनाव में आरक्षण का आधार वर्ष 2015 तय किया गया है. अब इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग गुरुवार को पीसी कर सकता है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार को अपने आदेश में कहा था कि प्रदेश में सीटों के आरक्षण में साल 2015 को ही बेस ईयर बनाया जाए. साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि राज्य में 25 मई तक सभी चुनाव करा लिए जाएं.नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब चार जून को चुनावी नतीजे आ रहे थे, मैं काम में व्यस्त था. फोन कॉल आना शुरू हो गए थे. मैंने किसी से पूछा कि आंकड़े तो ठीक है लेकिन मुझे ये बताओ कि ईवीएम जिंदा है या मर गया. क्योंकि ये लोग (विपक्ष) तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र और देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास ही उठ जाए और लगातार ये लोग ईवीएम को गाली दे रहे थे. मुझे तो लग रहा था कि इस बार ईवीएम की अर्थी लेकर जुलूस निकालेंगे.
देश में तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने जा रही है. इस सरकार में बिहार की JDU और आंध्र प्रदेश की TDP अहम रोल निभाने जा रही है. दोनों ही क्षेत्रीय दल लंबे समय से अपने प्रदेशों को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग उठा रहे हैं. इस चुनाव में टीडीपी ने 16 सीटें और जेडी (यू) ने 12 सीटें जीतीं हैं. दोनों ही दल बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा हैं.