न NDA, न विपक्ष... नामांकन में 5 दिन बाकी, फिर क्यों तय नहीं हो पा रहा उपराष्ट्रपति उम्मीदवार?
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उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 6 अगस्त को वोटिंग होनी है. इसी दिन नतीजे भी आ जाएंगे. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन में 5 दिन ही बाकी हैं, लेकिन अब तक न तो एनडीए ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है और न ही विपक्ष ने. आखिर क्या है इसकी सियासी वजह?
उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने में अब 5 दिन का समय बचा है, लेकिन अभी तक उम्मीदवार के नाम तय नहीं हो पाए हैं. अभी तक न तो एनडीए ने अपना उम्मीदवार बताया है और न ही विपक्ष ने. इतना ही नहीं, उम्मीदवार कौन होगा? इस बारे में कोई अनौपचारिक बयान भी सामने नहीं आया है.
सूत्रों का कहना है कि जल्द ही बीजेपी की संसदीय बोर्ड की मीटिंग होनी है, जिसमें उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के नाम पर फैसला होगा. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी दूसरी पार्टियों से भी समर्थन मांगेगी, क्योंकि विपक्ष की ओर से भी किसी उम्मीदवार को उतारे जाने की पूरी संभावना है.
दूध का जला, छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है
विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है, लेकिन इसी वजह से अब विपक्ष उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित करने में जल्दबाजी नहीं कर रहा है.
यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ये दिखाने में जल्दबाजी कर दी कि आम सहमति बन गई है और तृणमूल कांग्रेस पहल कर रही है.
सिन्हा ने टीएमसी से इस्तीफा दे दिया और समर्थन मांगने के लिए देशभर में यात्रा कर रहे हैं. हालांकि, उनके कैंपेन ने विपक्षी खेमे की गहरी दरारों को भी उजागर कर दिया. राष्ट्रपति चुनाव को विपक्षी एकता दिखाने का मंच माना जाता है, लेकिन यहां ये दांव उल्टा पड़ गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.