
नेहरू सरकार का वो कानून, जिसके कारण ‘तारा सिंह की सकीना’ को मजबूरन जाना पड़ा था पाकिस्तान!
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गदर फिल्म एक असल कहानी पर आधारित है. जिसमें भारत से एक शख्स अपनी पत्नी को वापस लाने के लिए पाकिस्तान तक चला जाता है. वो ट्रेन के आगे मिला था. उसका सुसाइड नोट भी बरामद हुआ.
'अशरफ अली... हिंदुस्तान जिंदाबाद था, जिंदाबाद है और जिंदाबाद रहेगा'. आप सभी ने बचपन में सनी देओल और अमीषा पटेल की हिट फिल्म गदर जरूर देखी होगी. उसका ये डायलॉग काफी चर्चा में रहा था. फिल्म के कई और डायलॉग भी इसी तरह लोगों की जुबान पर चढ़ गए थे. लोगों को गदर फिल्म की कहानी काफी पसंद आई. अब जल्द ही गदर-2 फिल्म सिनामाघरों में रिलीज होने वाली है. वहीं इस फिल्म की कहानी की बात करें, तो ये असल कहानी पर आधारित है. मगर फिल्म में थोड़े बदलाव किए गए हैं. कुछ काल्पनिक चीजों को जोड़ा गया है.
असल कहानी की हीरोइन को जबरन पाकिस्तान भेजा गया था. वो कभी वापस लौटकर भारत नहीं आई. इसके पीछे का कारण एक कानून था. उस वक्त भारत में पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार थी. असल कहानी बूटा सिंह नामक व्यक्ति की है, जिसकी पत्नी का नाम जैनब था. दोनों बंटवारे के बाद शादी करके भारत में रह रहे थे. तभी 1955-1956 में कुछ ऐसा हुआ, जिससे इनकी दुनिया ही उजड़ गई.
बूटा सिंह ने बचाई थी लड़की की जान
बूटा सिंह पंजाब के सिख सैनिक थे, उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध में ब्रिटिश सेना के लिए लड़ाई लड़ी थी. इसके बाद वो वापस अपने घर लौट आए. इस बीच 1947 में दंगे भड़क गए. बंटवारा हुआ. उन्होंने एक मुस्लिम लड़की की जान बचाई, जो जैनब थीं. उनका परिवार भारत के पंजाब से पाकिस्तान वाले पंजाब चला गया था लेकिन वो पीछे ही छूट गईं. बूटा सिंह हीरो बनकर आए. उन्होंने जैनब की जान बचाई. उन्हें अपने घर पर रखा. इस दौरान दोनों को प्यार हो गया. फिर दोनों ने शादी कर ली.
शादी को 8 साल हो गए थे. कपल की दो बेटियां थीं. तभी भारत सरकार की तरफ से एक कानून लाया गया. जिसके चलते जैनाब को जबरन पाकिस्तान भेज दिया गया. असली सकीना फिल्म वाली तारा सिंह की सकीना की तरह पाकिस्तान अपनी मर्जी से नहीं गई थी, बल्कि उसे भारतीय अधिकारियों ने जबरन भेजा था. बूटा सिंह अपनी पत्नी और बेटी को वापस लाने के लिए गैर कानूनी तरीके से पाकिस्तान में दाखिल हुए. उनका वीजा रिजेक्ट हो गया था. तो ऐसे में कानूनी तरीके से जाना संभव नहीं था. वो एक मुस्लिम नाम के साथ पाकिस्तान गए. यहां आने के बाद बूटा सिंह ने अपनी पत्नी को ढूंढना शुरू किया. उन्हें पता था कि पत्नी का गांव कहां है, तो वहो वहीं जाते हैं.
जैनब के परिवार ने खूब की मारपीट

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