
नेपाल में बारिश के बाद बाढ़ और भूस्खलन से तबाही जैसे हालात, 170 की मौत, 42 लोग लापता
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बाढ़ ने नेपाल में कम से कम 322 घरों और 16 पुलों को नुकसान पहुंचाया. चश्मदीदों ने बताया कि उन्होंने 40-45 साल में काठमांडू घाटी में ऐसी विनाशकारी बाढ़ और पानी का कहर कभी नहीं देखा.
भारत के पड़ोसी देश नेपाल (Nepal) में बारिश की वजह से आई बाढ़ और भूस्खलन से जान गंवाने वालों की तादाद 170 हो गई है. इसके साथ ही 42 लोगों के लापता होने की खबर है. अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार से पूर्वी और मध्य नेपाल के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए हैं, देश के कई हिस्सों में अचानक बाढ़ आने की खबर है.
गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक बाढ़, भूस्खलन और जलप्लावन की वजह से 42 लोग लापता हैं. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम पोखरेल ने बताया कि बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 111 लोग घायल हुए हैं.
उन्होंने बताया कि सभी सुरक्षा एजेंसियों की मदद से सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. नेपाल सेना ने देश भर से 162 लोगों को हवाई मार्ग से निकाला है. पोखरेल ने कहा कि बाढ़ और जलप्लावन से प्रभावित 4,000 लोगों को नेपाल सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने बचाया है.
कई साल का टूटा रिकॉर्ड
अधिकारियों ने बताया कि बचाए गए लोगों को खान-पीने की चीजें सहित सभी जरूरी राहत सामग्री दी गई है. प्रवक्ता ने बताया कि काठमांडू के बाहरी इलाके बल्खू इलाके में सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से 400 लोगों को भोजन वितरित किया गया.
शनिवार से ही नेशनल हाइवे ब्लाक हैं, भूस्खलन की वजह से सैकड़ों लोग कई राजमार्गों पर फंसे हुए हैं. बाढ़ और भूस्खलन की वजह से जिन राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़कें ब्लॉक हैं, उन्हें साफ करने की कोशिशें चल रही हैं. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता पोखरेल ने कहा कि काठमांडू को अन्य जिलों से जोड़ने वाले मुख्य भू-मार्ग त्रिभुवन राजमार्ग पर परिवहन फिर से शुरू हो गया है.

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